मृतक दंपती के पैदा हुई संतान, निगम ने जारी किया बर्थ सर्टिफिकेट, जानें पूरा मामला

Edited By Isha, Updated: 16 Jan, 2020 02:10 PM

children born to deceased couple corporation issued birth certificate

अपने कारनामों के लिए मशहूर हो चुके अंबाला के नगर निगम (वर्तमान में नगर परिषद छावनी) ने एक बार फिर नया कारनामा कर दिखाया है। करनामा भी ऐसा कि आप भी हैरान हो जाओगे। दरअसल एक

अंबालाः अपने कारनामों के लिए मशहूर हो चुके अंबाला के नगर निगम (वर्तमान में नगर परिषद छावनी) ने एक बार फिर नया कारनामा कर दिखाया है। करनामा भी ऐसा कि आप भी हैरान हो जाओगे। दरअसल एक दंपती की मौत के बाद संतान पैदा हो गई। संतान भी एक नहीं दो नहीं बल्कि पूरे 30 साल की। जी हां सुनने में बेशक अजीब लगे लेकिन यह एकदम सच है। बाकायदा इसका नगर निगम की ओर से सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया है।

इस दस्तावेज को मृतक महिला के सगे भाई ने कोर्ट में पेश कर दिया। कोर्ट ने इसे आधार मानते हुए 10 मई 2019 को युवती को मृतकों की प्रापर्टी का वारिस घोषित कर दिया। कोर्ट से वारिस घोषित होने के बाद उसे अपने नाम करवाने के लिए उसकी म्युटेशन फाइल डीसी पटियाला को जमा करवा दी गई है। अभी यह मामला डीसी पटियाला के यहां विचाराधीन है। इस तरह का यह पूरा खेल प्रापर्टी के लिए खेला गया, जिसमें नगर निगम के अधिकारियों ने दिल खोलकर फर्जीवाड़ा किया। 

क्या है पूरा मामला 
दरअसल हाउसिंग बोर्ड निवासी सतेंद्र सिंह ने पुलिस, गृहमंत्री और डीसी को दी शिकायत में आरोप लगाए हैं कि उनके छोटे भाई सुखपाल सिंह की 21 मार्च 219 को मौत हो चुकी है। जबकि सुखपाल सिंह की पत्नी कमलजीत कौर का निधन मई 2018 में हुआ था। वह पटियाला में 21 हीरा नगर में रहते थे।शिकायतकर्ता सतेंद्र सिंह के आरोप हैं कि उनके भाई-भाभी की कोई संतान नहीं थी। नगर निगम ने कागजों में उनकी बेटी कैसे दिखा दी? दरअसल कमलजीत कौर की सगी बहन के जुड़वां संताने हुईं। यहीं पर खेल किया गया। इन जुड़वा बेटियों में से एक को मृतक सुखपाल सिंह और कमलजीत कौर की बेटी बना दिया गया। जबकि आरोपियों ने एक बेटी को ही अपनी असली बेटी दिखाया। यह सब इसीलिए हुआ ताकि पंजाब के पटियाला स्थित मृतक दंपती की प्रॉपर्टी को हथियाया जा सके। इसके बाद आधिकारिक तौर पर उस बेटी को मृतक दंपती की बेटी बनाने के लिए निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर पूरा खेल रचा गया।

ऐसी खुली पोल
हुआ यूं कि मृतक कमलजीत कौर की बहन को जुड़वां बेटियां खुराना क्लीनिक अंबाला कैंट में 28 जुलाई 1990 को हुआ। जबकि कमलजीत कौर और उनके पति सुखपाल सिंह के कोई संतान नहीं थी। ऐसे में एक बेटी को सुखपाल और कमलजीत कौर की बेटी बना दिया गया। इस पूरे मामले की परतें उस समय उठी जब प्रॉपर्टी का विवाद कोर्ट में पहुंचा। मृतक के भाई सतेंद्र जौली को कोर्ट की ओर से नोटिस गया। जब सतेंद्र कोर्ट में पेश हुए तो उन्हें पता चला कि उनके भाई की बेटे को कानूनी तौर इस प्रॉपर्टी का वारिस बनाया गया है। यह सुनकर सतेंद्र हैरान हो गए क्योंकि उनकी तो कभी भतीजी हुई ही नहीं। 

नगर निगम का जल गया 1990 का रिकार्ड 
जब सतेंद्र सिंह ने इस सर्टिफिकेट के बारे में सवाल किया तो उन्हें बताया गया कि 1990 का सारा रिकार्ड जल गया था। इसके बाद इस दौरान नया रिकार्ड जोकि तैयार हुआ व मृतक कमलजीत कौर के पिता की रिपोर्ट पर तैयार किया गया था। यहीं पर खेल खेला गया। जिस बेटी को उनकी वारिस बनाया गया है वह मृतक महिला की सगी बहन की बेटी है। शिकायतकर्ता सतेंद्र ने पूरे मामले की जांच करवाने और इस मामले में जो भी आरोपी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।  

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!