Edited By Saurabh Pal, Updated: 04 Nov, 2024 09:53 PM
शहर के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के स्टाफ पर बच्चा बदलने के आरोपों का मामला गर्मा गया है। सिकलीगर समाज के सैकड़ों लोग मेडिकल कॉलेज में एकत्रित हुए। जहां उन्होंने अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
करनाल : शहर के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के स्टाफ पर बच्चा बदलने के आरोपों का मामला गर्मा गया है। सिकलीगर समाज के सैकड़ों लोग मेडिकल कॉलेज में एकत्रित हुए। जहां उन्होंने अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पीड़ित परिजनों ने एसपी को शिकायत देकर कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं पुलिस डीएनए टेस्ट करवाने की बता कह रही है।
पीड़ित परिवार ने कहा कि लड़के की जगह जो लड़की परिवार को जबरन थमाई जा रही थी, उसकी भी मृत्यु हो चुकी है। बच्ची की मौत का जिम्मेदार भी अस्पताल प्रबंधन को ही ठहराया गया है। परिजन ने कहा है कि वे यहां से बच्चा लेकर ही जाएंगे, अगर बच्चा नहीं मिला तो आगे धरना भी शुरू कर सकते हैं।
क्या था पूरा मामला
करनाल के घरौंडा में विग कॉलोनी की ममता पत्नी कुलदीप ने 31 अक्तूबर को एक बच्चे को जन्म दिया। कुलदीप का कहना है कि ममता की डिलीवरी घर पर हो गई थी। जिसको लड़का हुआ था। मां-बच्चे की तबीयत खराब न हो, इसके लिए दोनों को घरौंडा के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। लेकिन वहां पर ज्यादा सुविधा नहीं थी।
जेंडर के कॉलम में मेल भी लिखा हुआ था
इसलिए सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज में मां-बेटे को रेफर कर दिया था। उन्होने कहा कि घरौंडा के डॉक्टरों द्वारा जो फाइल बनाई गई थी, उसमें जेंडर के कॉलम में मेल भी लिखा हुआ था। उसके बाद जब मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया तो उस फाइल में भी स्टाफ द्वारा लड़का लिखा गया था।
कुलदीप ने बताया कि एक नवंबर को जब बच्चे ने शौच किया था और उसका डायपर बदलना था, उस समय उसकी मां वहां मौजूद थी। जब मेरी मां बच्चे का डायपर बदलने गई तो उसे जिस लड़के का डायपर बदला जा रहा था, उसकी जगह लड़की मिली। कुलदीप ने कहा कि जब मेरी मां ने वहां मौजूद स्टाफ से कहा कि हमें तो लड़का हुआ था, फिर ये लड़की है, तो स्टाफ ने कहा कि यह तुम्हारा बच्चा ही है। जब उसने इसका विरोध करना शुरू किया तो हम सभी को बाहर निकाल दिया गया। बल्कि वहां के स्टाफ ने उस बच्चे को चंडीगढ़ रेफर करने को कहा।
कहा- एसपी दरबार में लगाएंगे गुहार
कुलदीप का कहना है कि वे चार दिनों से अस्पताल में है और अपना बेटा मांग रहे है, लेकिन सुनने वाला कोई है नहीं। उन्हें जो लड़की थमाई गई और उसकी भी मौत हो गई है। इसके लिए अस्पताल प्रशासन जिम्मेदार है। हमारे बच्चे को किडनेप किया गया है। आखिर वह बच्चा गया कहां पर? यह बड़ा धोखा अस्पताल में चल रहा है। इसकी निष्पक्ष जांच हो। इसके लिए एसपी ऑफिस में शिकायत दी गई है। करनाल के डीएसपी व एसएचओ भी परिवार व समाज के लोगों के बीच में पहुंचे और परिजनों को समझाने का प्रयास किया।
थाना प्रभारी विष्णु मित्र का कहना है कि अस्पताल में बच्चा बदले जाने का आरोप परिजनों की तरफ से लगाया जा रहा है। जो बच्ची थी उसकी मौत हो चुकी है और हम उसका DNA टेस्ट करवाने के लिए तैयार है, लेकिन परिवार सैंपल लेने नहीं दे रहा है। बच्चे का सैंपल लिया जाएगा, अगर दोनों का डीएनए मैच हो जाता है तो साबित हो जाएगा कि महिला ने लड़की को ही जन्म दिया था। अगर मैच नहीं होता है तो परिवार सच बोल रहा है। परिजनों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है।
(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)