कोरोना के इलाज में वरदान साबित हो सकती है काला पीलिया की दवा, इस फैक्ट को लेकर डॉक्टर कर रहे दावा

Edited By Shivam, Updated: 30 Jul, 2020 04:03 PM

black jaundice medicine can prove to be a boon in treatment of corona

विश्व में कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी कोविड-19 के इलाज में हेपेटाईटिस यानी काला पीलिया की दवा वरदान साबित हो सकती है। इसका दावा पीजीआई रोहतक के  डॉक्टरों ने अपनी रिसर्च में मिले फैक्ट को लेकर कर रहे हैं। डॉक्टरों ने बताया कि बीते पांच महीने की...

रोहतक (दीपक भारद्वाज): विश्व में कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी कोविड-19 के इलाज में हेपेटाइटिस सी यानी काला पीलिया की दवा वरदान साबित हो सकती है। इसका दावा पीजीआई रोहतक के  डॉक्टरों ने अपनी रिसर्च में मिले फैक्ट को लेकर कर रहे हैं। डॉक्टरों ने बताया कि बीते पांच महीने की रिसर्च में डेढ़ हजार लोगों पर रिसर्च किया गया है, अब बड़े स्तर पर इसके ट्रायल की अनुमति मांगी है।

पीजीआईएमएस रोहतक के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के हेड डॉ. प्रवीण मल्होत्रा का दावा है कि काला पीलिया की दवा कोरोना पर काबू पाने में मददगार साबित हो सकती है। इन दवाओं का ट्रायल कोरोना के मरीजों पर करने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अनुमति मांगी है। उनका दावा है कि काला पीलिया की दवा लेने वाले मरीजों में कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ। 



उन्होंने बताया कि दुनियाभर के कई देशों में भी काला पीलिया यानी हेपेटाइटिस की दवा कोरोना से बचाव करने में मददगार साबित हुई है। यह दावा पीजीआई रोहतक की रिसर्च में किया गया है। यहां के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग और नेशनल वायरल हेपेटाइटिस सेंट्रल प्रोग्राम के मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर में डेढ़ हजार मरीजों पर रिसर्च की गई।

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डॉ. प्रवीण मल्होत्रा ने दावा किया कि काला पीलिया की दवा कोविड-19 में कारगर है। 5 माह तक हेपेटाइटिस बी और सी का इलाज कराने वालों में डेढ़ हजार मरीजों को चिह्नित करके मार्च से जुलाई माह तक उनकी हेल्थ मॉनिटरिंग की गई। रिसर्च में शामिल डेढ़ हजार मरीजों में कोविड 19 का कोई लक्षण नहीं दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अगर इसका बड़े स्तर पर ट्रायल किया जाता है तो सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।



डॉ. मल्होत्रा ने कहा कि कई देशों में इसको लेकर रिसर्च किया है और उनका यह रिसर्च सफल भी रहा है।  सबसे बड़ी बात यह रही है कि वैक्सीन की बजाय यह दवाई कोरोनावायरस को शरीर में मारने में सक्षम साबित हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस और हेपेटाइटिस सी वायरस की बनावट एक जैसी है और यह दोनों ही आरएनए वायरस हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में यह दवा पहले से ही उपलब्ध है और दवाई का खर्च भी ज्यादा नहीं है। ऐसे में हेपेटाइटिस सी की यह दवा व को वैक्सीन एक और एक ग्यारह का काम कोरोनावायरस के खिलाफ कर सकते हैं।

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