Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 09 Jul, 2024 07:33 PM
ओएसबी एक्सप्रेसवे टावर्स एसोसिएशन, गुरूग्राम रेरा, बिल्डर व बायर्स एसोसिएशन के बीच 08 जुलाई को 21वीं सुओ मोटो बैठक हुई। जिसमें प्राधिकरण पर बिल्डर का पक्ष लेने व उसे अतिरिक्त समय देने का आरोप लगाया है। जबकि बिल्डर पर 8 साल बीतने के बाद प्रोजेक्ट...
गुड़गांव, (ब्यूरो): ओएसबी एक्सप्रेसवे टावर्स एसोसिएशन, गुरूग्राम रेरा, बिल्डर व बायर्स एसोसिएशन के बीच 08 जुलाई को 21वीं सुओ मोटो बैठक हुई। जिसमें प्राधिकरण पर बिल्डर का पक्ष लेने व उसे अतिरिक्त समय देने का आरोप लगाया है। जबकि बिल्डर पर 8 साल बीतने के बाद प्रोजेक्ट पूरा नही होने का आरोप है।
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ज्ञात हो कि ओएसबी एक्सप्रेसवे टावर्स- 2016 में शुरू हुआ था। पीएमएवाई किफायती आवास परियोजना के तहत- 1089 आवंटियों के साथ सेक्टर-109 गुरुग्राम में स्थित है। बायर्स का आरोप है कि 8 साल बीत जाने के बाद आज तक प्रोजेक्ट पूरा नही हो सका। जबकि ओएसबी बायर्स एसोसिएशन रजि. पिछले दो वर्षों से प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए डीटीसीपी से लेकर हरेरा तक चक्कर लगाता रहा। जबकि टीएल सत्यप्रकाश, आईएएस, डीटीसीपी ने फरवरी-2023 में बिल्डर के खातों के फोरेंसिक ऑडिट किया था। जिसमें कुर्की के लिए चल अचल संपत्ति मूल्यांकन व एनआईएफएम फरीदाबाद से टेक्नो व्यवहार्यता रिपोर्ट का आदेश पारित किया था। क्योंकि बिल्डर द्वारा किसी का भी अनुपालन नहीं किया है।
बिल्डर के इस रवैये को ध्यान में रखते हुए डीटीसीपी के आदेश व उसका लाइसेंस भी निलंबित कर दिया। वही दूसरी ओर अपने घरों का इंतजार कर रहे बायर्स और भी परेशान हो उठे। सोमवार को हुई बैठक में रेरा प्राधिकरण ने बिल्डर को अतिरिक्त समय देते हुए बायर्स को प्रोजेक्ट पूरा करने में बिल्डर को अंतिम किस्त का भुगतान करने संबंधी आदेश दिए। जो किफायती आवास नीति का उल्लंघन है। ओएसबी बायर्स एसोसिएशन के महिपाल ने बताया क्योंकि अंतिम किस्त का भुगतान ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट (ओसी) प्राप्त होने के बाद ही किया जाता है। ओएसबी बायर्स एसोसिएशन का आरोप है कि लगता है कि रेरा अधिकारी बिल्डर को ज्यादा संरक्षण दे रहे हैं जबकि खरीदारों के हितों का खयाल नही रखा जा रहा।