Edited By Mohammad Kumail, Updated: 02 Sep, 2023 05:27 PM

पिछले 26 दिन से हड़ताल पर चल रहीं आशा वर्कर्स प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। तीन सितंबर को रोहतक में आगामी आंदोलन को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी। धरनारत आशाओं ने दादरी में थाली-चम्मच के साथ शहर में रोष प्रदर्शन किया...
चरखी दादरी (पुनीत श्योराण) : पिछले 26 दिन से हड़ताल पर चल रहीं आशा वर्कर्स प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। तीन सितंबर को रोहतक में आगामी आंदोलन को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी। धरनारत आशाओं ने दादरी में थाली-चम्मच के साथ शहर में रोष प्रदर्शन किया और सरकार को सीधे रूप से चेतावनी दी कि मांगे पूरी नहीं होने पर आर-पार की लड़ाई लड़ेंगी। साथ ही आगामी 2024 के चुनावों में भाजपा-जजपा नेताओं को गांव में नहीं घुसने देने की बात भी कही।
बता दें कि आशा वर्कर्स 26 दिन से हड़ताल पर हैं और मांगों को लेकर जिला मुख्यालयों पर धरना देते हुए प्रदर्शन कर रही हैं। दादरी में आशा वर्कर्स यूनियन की प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश भैरवी की अगुवाई में आशाओं ने थाली-चम्मच के साथ प्रदर्शन करते हुए रोष प्रकट किया। उन्होंने आगामी 11 सितंबत तक हडताल का ऐलान कर रखा है। कमलेश भैरवी ने कहा कि उन्हें मात्र चार हजार रुपये मानदेय मिलता है जबकि सरकार कभी 19 हजार व कभी 24 हजार देने का झूठ फैला रही है। उन्होंने कहा कि 28 अगस्त को उन्हें चंडीगढ़ जाने से रोका गया और उनके साथ सरकार के इशारे में पुलिस ने जो व्यवहार किया है उससे आशा वर्कर्स में काफी रोष है। इसी प्रकार का व्यवहार चुनाव के दौरान गांव में आने पर भाजपा व जजपा के नेताओं के साथ वे भी करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने जल्द उनकी मांग नहीं मानी तो आंदोलन उग्र हो सकता है और जल्द ही इसकी रणनीति तैयार की जाएगी। सत्तासीन नेताओं को गांवों में नहीं घुसने देंगे और आशाओं पर लाठीचार्ज का चुनावों में हिसाब लेंगी।
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