Edited By Vivek Rai, Updated: 17 May, 2022 02:47 PM
इस समय ज्ञानवापी मामले को लेकर बयान बाजी जोरों पर है। ऐसे में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। विज ने कहा की ज्ञानवापी कोई उर्दू, अरबी या फारसी का शब्द नहीं ये एक हिंदी का शब्द है और शब्द को देख कर लगता है की ये हिन्दू...
चंडीगड़/अंबाला (धरणी/अमन): इस समय ज्ञानवापी मामले को लेकर बयान बाजी जोरों पर है। ऐसे में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। विज ने कहा की ज्ञानवापी कोई उर्दू, अरबी या फारसी का शब्द नहीं ये एक हिंदी का शब्द है और शब्द को देख कर लगता है की ये हिन्दू मंदिर ही रहा होगा। विज ने ये भी कहा की क्योंकि मामला कोर्ट में है तो इसका फैसला भी कोर्ट करेगी। विज ने ओबेसी पर भी तंज कसा और कहा की अगर देश में भड़काऊ भाषण देने का गोल्ड मैडल देना हो तो वो ओबेसी का ही बनता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा और राहुल भट्ट की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों के भयभीत होने के बयान पर भी विज ने पलटवार किया। विज ने कहा की जबसे हमारी सरकार आई है कश्मीरी पंडित अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनमें सुरक्षा का भाव बढ़ाने के लिए ही धारा 370 को समाप्त किया गया है। विज ने केजरीवाल को नाटककार बता कर कहा की उन्हें तो कोई न कोई मुद्दा उठाना होता है।
तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री डाक्टर के पोनमुडी ने हाल ही में बयान दिया था की अंग्रेजी के सामने हिंदी की कोई हैसियत नहीं, हिंदी बोलने वाले पांडुचेरी में पानीपूरी बेचते हैं। उनके इस ब्यान पर भी विज ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा की हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है और जो इस धरती को अपना राष्ट्र मानता है उसे इसका सम्मान करना चाहिए। राष्ट्र भाषा का सम्मान सबको करना चाहिए भले ही वो मंत्री हो या आम आदमी हो।
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