शहीदी जोड़ मेला में दीवान टोडरमल जैन को अग्रवाल समाज ने किया नमन : विजय बंसल

Edited By Isha, Updated: 24 Dec, 2023 06:58 PM

aggarwal community paid tribute to diwan todar mal jain in shahidi jod mela

जबरन धर्मांतरण के खिलाफ अपना बलिदान देने वाले गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों फतेह सिंह एवं जोरावर सिंह को नमन करने के साथ-साथ उनके संस्कार के लिए 75 हजार स्वर्ण मुद्राएं देकर जमीन लेने वाले दीवान टोडर मल जैन को भी पुष्पांजलि अर्पित की गई।अखिल भारतीय...

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी):  जबरन धर्मांतरण के खिलाफ अपना बलिदान देने वाले गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों फतेह सिंह एवं जोरावर सिंह को नमन करने के साथ-साथ उनके संस्कार के लिए 75 हजार स्वर्ण मुद्राएं देकर जमीन लेने वाले दीवान टोडर मल जैन को भी पुष्पांजलि अर्पित की गई।अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय संगठन मंत्री विजय बंसल,पिंजौर अग्रवाल सभा के प्रधान तरसेम मित्तल पूर्व पार्षद,अग्रवाल सभा कालका के प्रधान संजय बंसल पूर्व पार्षद,सुरेंद्र मित्तल,प्रदीप गोयल,राजेश गुप्ता, गुरुप्यारा,मोहिंद्र खोवल समेत अग्रवाल समाज के पदाधिकारियों ने एचएमटी गेट पर संदीप बंटी खोखर पार्षद प्रतिनिधि द्वारा आयोजित गुरु के लंगर से पहले अरदास करके साहिबजादो के साथ दीवान टोडरमल को श्रद्धांजलि अर्पित की जहां हेड ग्रंथी मंजी साहिब गुरुद्वारा सुखविंद्र सिंह,सुखजिंदर सिंह सदस्य HGPC, भीम सिंह, मनजिंदर खोखर पार्षद आदि सिख समाज के अन्य लोग मौजूद रहे और संबोधित किया।

पूर्व चेयरमैन विजय बंसल ने बताया कि सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार के बलिदान को याद किया गया जिसमें विशेषकर फतेह सिंह ने 9 वर्ष की उम्र में तथा जोरावर सिंह ने 6 वर्ष की उम्र में धर्म परिवर्तन करने की बजाय दीवार में जिंदा चिन्ना स्वीकार किया जो आज लालच एवं स्वार्थ मय धर्म परिवर्तन करने वालों के लिए प्रेरणा है। यही मिसाल मुगलों के भय के सामने घुटने टेकने की बजाए दीवान टोडर मल जैन ने पेश की। गुरुद्वारों में उपस्थित श्रद्धालुओं की आंखें इन महान बलिदानों की गाथा सुनकर आंखें नम हो गई।

अपने संबोधन में पूर्व चेयरमैन विजय बंसल ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के परिवार ने एक सप्ताह के अंदर हिंदू धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दे दिया, दो पुत्र मुगलो से युद्ध करते हुए, उनकी माता गुजरी कौर भी शहीद हो गई । उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों फतेह सिंह, जोरावर सिंह के संस्कार के लिए मुगलों की अटपटी शर्त थी, जमीन पर स्वर्ण मुद्राएं बिछाकर जमीन लेने को पूरा करने के लिए मुगलों के भय कोई आगे नहीं आया तो दीवान टोडर मल जैन ने अपना सबकुछ बेचकर संस्कार करवाया था जो सर्व धर्म सद्भाव की मिसाल बनी। उन्होंने सर हिन्द में स्थित दीवान टोडर मल जैन हवेली का संरक्षण करने के लिए गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का आभार व्यक्त किया। 

संदीप बंटी खोखर,अमरीक सिंह एवं हेड ग्रंथी सुखविंद्र सिंह ने कहा कि पहली बार अग्रवाल समाज और सिख समाज मिलकर साहबजादो एवं दीवान टोडर मल जैन को याद कर रहा है।सभी ने कार्यक्रम के बाद सामूहिक रूप से गुरु का अटूट लंगर ग्रहण किया।

 

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