हरियाणा में गैंगस्टरों से निपटने की तैयारी, 80 गैंग सक्रिय...पुलिस बना रही ये एक्शन प्लान

Edited By Isha, Updated: 01 Feb, 2025 11:14 AM

preparations to deal with gangsters in haryana 80 gangs are active

हरियाणा सहित उत्तर भारत के राज्यों में नशा तस्करी को रोकने, संगठित अपराध नियंत्रण, गैंगस्टरो पर शिकंजा कसने सहित अन्य आपराधिक गतिविधियों को लेकर आज पंचकूला में सात राज्यों के पुलिस

 चंडीगढ़ : हरियाणा सहित उत्तर भारत के राज्यों में नशा तस्करी को रोकने, संगठित अपराध नियंत्रण, गैंगस्टरो पर शिकंजा कसने सहित अन्य आपराधिक गतिविधियों को लेकर आज पंचकूला में सात राज्यों के पुलिस महानिदेशकों,एनआईए, एनसीबी, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो हरियाणा और स्पेशल टास्क फ़ोर्स हरियाणा के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई।  इस बैठक में सात राज्यों- हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़, राजस्थान तथा उत्तराखंड आदि राज्यों में अपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए आपसी समन्वय स्थापित करने के बारे में चर्चा की गई। 


इसके अतिरिक्त मीटिंग में अंतरराज्यीय ड्रग सचिवालय के कार्यान्वन और सीमा पार चल रहे नशा तस्करी व संगठित अपराध को रोकने और प्रदेश पुलिस के बेहतर तालमेल पर चर्चा की गई।बैठक में मुख्य रूप से नशे की तस्करी रोकने को लेकर विस्तार से विचार विमर्श किया गया। बैठक में बताया गया कि आपराधिक गतिविधियों तथा आतंक आदि में नशे के माध्यम से रुपया एकत्रित किया जाता है जो की चिंता का विषय है। 


बैठक में यह भी चर्चा की गई कि नशे की आवाजाही के लिए अपराधियों द्वारा किस प्रकार युवाओं को निशाना बनाया जाता है।  नशा तस्करी पर अंकुश लगाने को लेकर सभी राज्यों के बीच में अच्छा कोआर्डिनेशन होने की आवश्यकता पर बल दिया गया।  सभी अधिकारियों ने इस बात पर सहमति जताई कि राज्यों के बीच में अपराधियों का डाटा बेस सांझा करने हेतु राज्यों की संयुक्त टीम बनाई जानी चाहिए ताकि आपसी तालमेल स्थापित करते हुए कार्य किया जा सके। 


सभी राज्य अंतरराज्यीय ड्रग सचिवालय के बेहतर कार्यान्वन हेतु अपने प्रदेश में एसपी रैंक में नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे ताकि सूचनाओं का वास्तविक समय में आदान प्रदान किया जायेगा।  

इस बैठक में अंतर्राजीय ड्रग सचिवालय को सुदृढ़ करने और अपराधिक गतिविधियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर अलग अलग राज्यों द्वारा अपने-अपने विचार रखे गए। इस दौरान उन्होंने अपने राज्यों में अपराध नियंत्रण को लेकर किया जा रहे प्रयासों तथा बेस्ट प्रैक्टिसेज को भी सांझा किया। विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ पुलिस इस दौरान अलग-अलग राज्यों द्वारा पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपराध की वर्तमान स्थिति तथा चुनौतियों के बारे में रूपरेखा प्रस्तुत की गई। 

यह भी बताया गया कि किस प्रकार वर्तमान परिवेश में अपराधी विदेश में अपराध के नेटवर्क को बढ़ा रहे हैं और वहां बैठकर भारत में अपराध कर रहे हैं।बैठक में प्रेजेंटेशन के माध्यम से एनसीबी डिप्टी डायरेक्टर जनरल संबित मिश्रा ने बताया कि नशा तस्करी के रूट पहचानने की ज़रूरत है ताकि सभी प्रदेश अफीम व अन्य मादक पदार्थों की सीमा पार तस्करी पर रोक लगा सकें।  नशा ही संगठित अपराध की आय का प्रमुख स्त्रोत है।  आदतन अपराधियों की नज़रबंदी में हरियाणा प्रदेश ने बेहतरीन कार्य किया है।  हमें नशा मुक्त भारत के लिए संगठित होकर कार्य करना है। बैठक में एनआईए के डीआईजी संतोष कुमार मीणा ने बताया कि संगठित अपराध रोकने के लिए अपराधियों की पहचान किया जाना अत्यंत आवश्यक है। 


उन्होंने बताया कि अपराधियों द्वारा अलग-अलग प्लेटफार्म के माध्यम से विशेष कर युवाओं को टारगेट किया जाता है और उन्हें गैंग की अपराधिक गतिविधियों में शामिल किया जाता है। उन्होंने कहा कि कई बार युवा ग्लैमराइजेशन से प्रभावित हो जाते हैं और उनके गैंग का हिस्सा बनते है। ऐसे में जरूरी है कि सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित होने वाले इस प्रकार के अकाउंट पर कड़ी नजर रखी जाए। प्रदेश में संगठित हिंसक अपराध के बारे में जानकारी देते हुए एसपी स्पेशल टास्क फ़ोर्स वसीम अकरम ने बताया कि हरियाणा में वर्तमान में 80 आपराधिक गैंग सक्रिय है इनमें से आठ बड़े गैंग ऐसे हैं जिनके द्वारा दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र में फिरौती आदि की मांग की जाती है। 
 

इसके अलावा, बैठक में अपराध के लिए इस्तेमाल होने वाले सिम कार्ड तथा अलग अलग नेटवर्क आदि का इस्तेमाल करने, किरायेदारों तथा कर्मचारी की पुलिस वेरिफिकेशन आदि करवाने के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई। सभी गैंग ने विदेशों में अपने पॉइंट ऑफ़ कांटेक्ट बना लिए है और वहीँ से बैठकर अपनी गैंग चला रहे है। इस दिशा में सभी राज्यों की पुलिस के संगठित प्रयास अत्यंत आवश्यक है। दुबई, पाकिस्तान, अर्मेनिआ, बैंकाक, थाईलैंड जैसे देशों से लेकर अमेरिका, पुर्तगाल और कनाडा में भी ये कुख्यात अपराधी छुपे हुए है जिनको वापस लाने के लिए पुलिस इंटरपोल के साथ संपर्क में है। प्रदेश पुलिस द्वारा इनका जल्द ही डिपोर्टेशन करवा लिया जायेगा। बताया गया कि हरियाणा पुलिस द्वारा वर्तमान में 35 लुक आउट नोटिस जारी किये गए है वही 22 पासपोर्ट रिवोक किये गए है।


पंचकूला के 112 - ईआरएसएस बिल्डिंग के सभागार में आयोजित इस बैठक में पंजाब पुलिस महानिदेशक गौरव यादव, हिमाचल पुलिस महानिदेशक डॉ अतुल वर्मा, चंडीगढ़ पुलिस महानिदेशक सुरेंदर सिंह यादव, पंजाब स्पेशल महानिदेशक कुलदीप सिंह, हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो महानिदेशक  ओ पी सिंह, राजस्थान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसओजी विजय कुमार सिंह , अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एससीबी हरियाणा ममता सिंह, उत्तराखंड अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था डॉ वी मुरुगेसन, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिल्ली पुलिस प्रमोद सिंह कुशवाहा शामिल हुए। इसके अतिरिक्त प्रदेश के एसटीएफ डीआईजी सिमरदीप सिंह, डीआईजी एससीबी अपराध हामिद अख्तर, एसपी एसटीएफ हरियाणा वसीम अकरम ने प्रदेश में स्पेशल टास्क फ़ोर्स के काम पर चर्चा की। इसके अतिरिक्त डिप्टी डायरेक्टर जनरल, एनसीबी संबित मिश्रा, आईजी एनआईए विजय सखारे, डीसीपी दिल्ली आदित्य गौतम  भी मीटिंग में शामिल रहे।

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