पेड़ के नीचे एक बेंच और दो कुर्सी पर चल रहा  रोजगार कार्यालय, मामला जान होगी हैरानी

Edited By Isha, Updated: 31 Jan, 2025 12:38 PM

employment office running on one bench and two chairs under a tree

जिले के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने वाला जिला रोजगार कार्यालय पेड़ के नीचे बेंच पर चल रहा है। एडीसी दीपक बाबूलाल कारवा ने कार्रवाई करते हुए इस कार्यालय को बाहर निकाल कर ताला लगवा दिया है।   गौरतलब है कि पिछले महीने हुई जिला परिषद हाउस की बैठक में...

कैथल: जिले के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने वाला जिला रोजगार कार्यालय पेड़ के नीचे बेंच पर चल रहा है। एडीसी दीपक बाबूलाल कारवा ने कार्रवाई करते हुए इस कार्यालय को बाहर निकाल कर ताला लगवा दिया है।   गौरतलब है कि पिछले महीने हुई जिला परिषद हाउस की बैठक में चेयरमैन कर्मबीर कौल की अध्यक्षता में जिला रोजगार कार्यालय को खाली करने का प्रस्ताव पास किया गया था। जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा बिल्डिंग से कमरों को खाली करवाने बारे लिखा गया था। लेकिन तय समय अवधि में भी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा कार्यालय को खाली नहीं किया गया। जिस पर संज्ञान लेते हुए एडीसी दीपक बाबूलाल कारवा ने कमरे खाली न करने के बाद सभी कर्मचारियों को बाहर निकाल कर ताला लगवा दिया।


अब ये कर्मचारी ड्यूटी का समय पूरा करने के लिए जिला परिषद कार्यालय के प्रांगण में पेड़ के नीचे बेचों पर बैठ रहते हैं। एडीसी ने दो महीने पहले ही जिला सचिवालय में शिफ्ट करने के लिए वैकल्पिक कमरा तैयार करवा दिया गया था, लेकिन रोजगार कार्यालय के अधिकारी ने इसे शिफ्ट नहीं किया। इस घटना ने युवाओं और कर्मचारियों में प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ा दी है। यहां प्रतिदिन रोजगार योजनाओं का लाभ लेने और समस्याओं को दूर करवाने के लिए 100 से अधिक युवा आते थे, लेकिन अब उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।


इस कार्यालय में 15 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं, जो अब पेड़ के नीचे बैठकर अपनी जिम्मेदारियां निभाने को मजबूर हैं। कर्मचारियों का कहना है कि बिना किसी ठोस इंतजाम के कार्यालय से बाहर कर दिया गया, जिससे उनका कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। यह मामला प्रशासनिक प्रबंधन और जनहित की अनदेखी का उदाहरण बन गया है। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इसे कितनी जल्दी और कैसे हल करता है। कलायत निवासी पूजा ने बताया कि वह अपना बेरोज़गार भत्ता पाने के लिए कार्यालय में आई थी, यहां आकर पता चला कि यहां कार्यालय को ही ताला लगा हुआ है। उने आवेदन की कल आखिरी तारीख है, अगर उनका फार्म आज सबमिट नहीं हुआ तो वह सरकार की योजना से वंचित रह जाएगी। इसके अलावा इस कार्यालय में प्रतिदिन बड़ी संख्या में युवा अपने भविष्य की उम्मीद लेकर आते हैं। कार्यालय के बाहर ताला लगने और पेड़ के नीचे काम चलने के कारण अब उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। युवाओं का कहना है कि यह कार्यालय उनके करियर का सहारा था, लेकिन अब उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है।

 
एडीसी ने दीपक बाबूलाल कारवा ने बताया कि उनके द्वारा जिला रोजगार कार्यालय को दो महीने पहले जिला सचिवालय में नया कमरा आवंटित किया गया था, लेकिन विभाग के अधिकारी ने वहां शिफ्टिंग नहीं किया। इसको लेकर आगामी कार्रवाई केलिए इनके मुख्यालय को पत्र भी लिखा है। ये पूरा मामला डीसी महोदया की जानकारी में भी ला दिया गया है।  जिला रोजगार कार्यालय ए.ई.ओ रविन्द्र कुमार ने बताया कि कार्यालय खाली करने के लिए उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया। उनके कार्यालय में 16 कर्मचारी कार्य करते हैं, इसके अलावा पिछले 10 सालों का रिकॉड भी काफी मात्रा में पड़ा है। जिला प्रशासन द्वारा जो कार्यालय उन्हें देने की बात कही गई है, वह उनके लिए पर्याप्त नहीं है।उनके कार्यालय को एक दम से ताला लगा उन्हें बंधक सा बना दिया गया।  

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