Edited By Deepak Kumar, Updated: 29 Jan, 2025 05:09 PM
चरखी दादरी में गांव मंदोला स्थित यदुवंशी शिक्षा निकेतन स्कूल के 12 से 13 छात्राें को बंद कमरे में डंडों से पिटाई करने के मामला सामने आया है। इस मामले के सामने आने के बाद भड़के अभिभावकों ने स्कूल गेट पर ताला जड़ दिया।
चरखी दादरी (पुनीत श्योराण): गांव मंदोला स्थित यदुवंशी शिक्षा निकेतन स्कूल के 12 से 13 छात्राें को बंद कमरे में डंडों से पिटाई करने के मामला सामने आया है। इस मामले के सामने आने के बाद भड़के अभिभावकों ने स्कूल गेट पर ताला जड़ दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने स्कूल परिसर में जमकर हंगामा करते हुए ठोस कार्रवाई की मांग उठाई। ग्रामीणों के रोष को देखते हुए स्कूल चेयरमैन और पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह स्कूल में पहुंचे और हाथ जोड़कर गलती मानी। बावजूद इसके ग्रामीण पुलिस कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं।
स्कूल में पहुंचे अभिभावक शमशेर सिंह सांगवान की अगुवाई में ग्रामीण शीला देवी, बनी सिंह और संजय इत्यादि ने आरोप लगाया कि 26 जनवरी को महेंद्रगढ़ के सतनाली स्थित स्कूल की ब्रांच में वार्षिक उत्सव और गणतंत्र दिवस पर प्रोग्राम में मंदौला स्कूल से स्टाफ और छात्र गए थे। जहां स्कूल प्रबंधन ने छात्रों पर सीसीटीवी कैमरे तोड़ने व चोरी के आरोप लगाते हुए 12 से 13 बच्चों को कमरे में बंद कर बुरी तरह डंडों से मारपीट की। इसके बाद बच्चों ने घर आकर परिजनों को इसकी सूचना दी। लोगों ने स्कूल प्रशासन से बात करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें कोई सही जवाब नहीं मिला।
बच्चों की छुट्टी करवाकर स्कूल के गेट पर ताला जड़ा
इसके बाद भड़के हुए लोगों ने बुधवार को बच्चों की छुट्टी करवाकर स्कूल के गेट पर ताला जड़ दिया। पीड़ित बच्चों ने अभिभावकों के साथ आरोप लगाया कि बच्चों की झूठी वीडियो बनाई और कहा फोटो भी खींचकर धमकी दी गई है। बाद में मौके पर पहुंचे स्कूल चेयरमैन व पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह ने ग्रामीणों से गलती मानी और भविष्य में ऐसा नहीं करने की बात कही। बता दें कि स्कूल के चेयरमैन राव बहादुर नांगल चौधरी से पूर्व विधायक हैं। उन्होंने 2024 में भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से जननायक जनता पार्टी (JJP) के टिकट पर चुनाव लड़ा था।
कुछ छात्रों ने अनुशासनहीनता की थीः डीन
स्कूल के डीन नौरंग लाल ने बताया कि फंक्शन में कुछ छात्रों ने अनुशासनहीनता की थी। स्टाफ ने उनके साथ थोड़ी मारपीट की थी। छात्रों ने आरोप लगाया कि बाहर से भी स्टाफ था, लेकिन बाहर का कोई व्यक्ति नहीं था। बच्चे अनुशासन में रहे, इसलिए उन्हें कई बार डांटना पड़ता है। हम मानते हैं कि ये धमकाना नहीं था, मारपीट हुई है। हमसे गलती हुई है। ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं ग्रामीणों से माफी मांगता हूं। भविष्य में इस तरह का कुछ नहीं होगा।
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