आतंकवाद के दौर में हरियाणा के यमुनानगर के 5 जवान हुए थे शहीद, परिजनों को किया गया सम्मानित

Edited By Manisha rana, Updated: 28 Oct, 2020 02:46 PM

5 soldiers of yamunanagar in haryana were martyred

आतंकवाद के दौर में हरियाणा के भी कई पुलिस कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी निभाते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। हरियाणा के यमुनानगर में 7 जवान अपनी ड्यूटी के दौरान अलग-अलग इलाकों में शहीद हुए थे। इनमें 5 जवान आतंकवाद के दौर में अपनी ड्यूटी के दौरान शहीद...

यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता) : आतंकवाद के दौर में हरियाणा के भी कई पुलिस कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी निभाते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। हरियाणा के यमुनानगर में 7 जवान अपनी ड्यूटी के दौरान अलग-अलग इलाकों में शहीद हुए थे। इनमें 5 जवान आतंकवाद के दौर में अपनी ड्यूटी के दौरान शहीद हुए थे। इन सभी की स्मृति में यमुनानगर पुलिस ने विशेष कार्यक्रम का आयोजन करके शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों को सम्मानित किया।

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यमुनानगर के नेहरू पार्क में एक सार्वजनिक समारोह किया गया। जिसमें शहीद सभी सातों पुलिस कर्मचारियों के परिजनों को आमंत्रित किया गया। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा जनप्रतिनिधि के रूप में यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल सहित अन्य पुलिस अधिकारियों एवं समाज के अन्य वर्ग के लोगों ने इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से भाग लिया। विधायक घनश्यामदास अरोड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि जो देश व समाज के लिए शहीद हुए उन्हें याद किया जाना चाहिए। हमें उन पर गर्व है।

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वहीं पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल ने कहा कि 21 अक्टूबर को हर साल पुलिस लाइन में शहीदी दिवस मनाया जाता है। जिस में जितने भी पुलिस के जवान शहीद होते हैं उनके नाम लेकर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। उन्होंने बताया कि यमुनानगर  के 7 जवान शहीद हुए थे। इन सभी के गांव में जाकर कार्यक्रम आयोजित करके उनके परिजनों को सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पंजाब में आतंकवाद के दौर में यमुनानगर के 5 जवान शहीद हुए थे। उन्होंने कहा कि अब पीढ़ी बदल चुकी है और इस पीढ़ी को पता लगे कि उनके इलाके के जवानों ने देश के लिए शहीदी दी है। इसी उद्देश्य से यह कार्यक्रम सार्वजनिक जगह पर आयोजित किए जा रहे हैं और शहीदों के गांव द्वार तक भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

बता दें कि शहीदों के परिजन भी इस तरह के कार्यक्रमों में शामिल होकर अपने शहीदों पर गर्व महसूस कर रहे हैं। 31 अगस्त 1995 को यमुनानगर के साडोरा थाना के सरावा गांव के मुख्य सिपाही अजायब सिंह हरियाणा सचिवालय में वीवीआइपी गेट के पास ड्यूटी पर तैनात थे। इसी दौरान एक मानव बम ने बिस्फोट किया। जिसमें पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की मौत हो गई और अजायब सिंह ने भी उसी दौरान शहीदी प्राप्त की। उनकी पत्नी ने कहा कि उन्हें अपने पति की शहादत पर गर्व है। उन्होंने देश सेवा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम यमुनानगर के नेहरू पार्क में आयोजित किया गया था। जिसमें विशेष रूप से मधुबन से पुलिस बैंड को बुलाया गया है। लोगों ने सार्वजनिक स्तर पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाने का भी स्वागत किया है। पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल का कहना है कि इस तरह के कार्यक्रम सार्वजनिक स्थानों पर आयोजित करने का उद्देश्य आने वाली पीढ़ी युवा पीढ़ी को इससे प्रेरणा देना है।

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