फरीदाबाद में 38वां सूरजकुंड मेला, मिस्र-सीरिया समेत 42 देशों के कलाकार पहुंचे

Edited By Isha, Updated: 07 Feb, 2025 05:18 PM

38th surajkund fair in faridabad

फरीदाबाद में 38वां इंटरनेशनल सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला आज (7 फरवरी) को शुरू हो गया है। केंद्रीय टूरिज्म मंत्री गजेंद्र शेखावत और CM नायब सैनी ने इसका उद्घाटन किया। इस मेले में 42 देशों के 648 कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। जिसमें मिस्र, इथियोपिया, सीरिया,...

फरीदाबाद: फरीदाबाद में 38वां इंटरनेशनल सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला आज (7 फरवरी) को शुरू हो गया है। केंद्रीय टूरिज्म मंत्री गजेंद्र शेखावत और CM नायब सैनी ने इसका उद्घाटन किया। इस मेले में 42 देशों के 648 कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। जिसमें मिस्र, इथियोपिया, सीरिया, अफगानिस्तान, बेलारूस, म्यांमार समेत अन्य देशों के कलाकार शामिल हैं। इस बार मेले में ओडिशा और मध्यप्रदेश की स्टेट थीम रखी गई है। मेले में 3 विशेष पवेलियन बनाए गए हैं, जिनमें गोवा और ओडिशा के पवेलियन मुख्य आकर्षण होंगे। मेला 23 फरवरी तक चलेगा।


मेले में आने वाले लोगों के लिए हस्तशिल्प, लोक कलाएं, विभिन्न व्यंजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन चलता रहेगा। इसके अलावा देश भर से शिल्पकार, कलाकार, मूर्तिकार और हथकरघा बुनकर आदि लोगों ने अपनी स्टॉल भी लगाईं हैं। भारत के अलावा नेपाल-भूटान जैसे देशों के उत्पाद भी यहां दिखेंगे। CM ने मंच से केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र शेखावत की तारीफ करते हुए कहा- आपने संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री के रूप में ही नहीं इससे पहले भी शिल्प और संस्कृति को बढ़ावा देने में बड़ा योगदान दिया है।


मेले के दौरान टूरिस्टों को हरियाणा के साथ-साथ देशभर के विभिन्न प्रदेशों के खास व्यंजनों का स्वाद चखने का अनोखा अनुभव मिलेगा। मेले में खासकर राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु, पंजाब, थीम स्टेट ओडिशा और मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों के स्वादिष्ट व्यंजन मिलेंगे।मेले में एंट्री के लिए टाइमिंग सुबह 10 बजे से रात के 7 बजे तक रखी है। एंट्री टिकट की कीमत आम दिनों में 120 रुपए रहेगी और वीकेंड पर ये 180 रुपए हो जाएगी। टिकट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपलब्ध है। ऑनलाइन टिकट दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) की सारथी ऐप से भी ले सकते हैं। ऑफलाइन टिकट मेले के एंट्री गेट पर बने काउंटर पर भी मिल जाएगी। इसके अलावा मेट्रो स्टेशन से भी टिकट ले सकते हैं। वीक एंड पर स्टूडेंट्स और वरिष्ठ नागरिकों को टिकट में 50 प्रतिशत की छूट भी मिल सकती है।

सूरजकुंड मेला भारत के सबसे बड़े हस्तशिल्प मेलों में से एक है, इसका इतिहास लगभग 35 वर्ष से ज्यादा पुराना है। साल 1987 में हरियाणा पर्यटन विभाग ने भारतीय हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक धरोहर को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत की थी। इस मेले का मुख्य उद्देश्य देशभर के शिल्पकारों, कलाकारों और हथकरघा बुनकरों को एक मंच देना था, जहां वे अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें और अपने उत्पादों को सीधे ग्राहकों तक पहुंचा सकें।

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