आध्यात्मिक तरीके से जीवन जीना सीखा रही है मुस्कान रघुवंशी!

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 10 Feb, 2023 10:43 PM

muskan raghuvanshi is teaching to live life in a spiritual

वह दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों और महिलाओं के सम्मान पर खुलकर चर्चा कर रही हैं।

एक ही दुनिया में कई समाज होते हैं। सबकी अपनी-अपनी दिशाएं हैं। हम सभी को इसके बीच एक रास्ता चुनना होता है। वर्तमान युग में एक तरफ़ लड़कियां जहां देह प्रदर्शन को फैशन से जोड़कर पैसा कमाने का जरिया मान रही है। वहीं दूसरी तरफ़ एक बेहद कम उम्र की लड़की है मुस्कान रघुवंशी (Muskan Raghuvanshi), जिसने अपने लिए अलग राह बनाई है। उन्होंने चुना है सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना। सोशल मीडिया पर जहां एक तरफ़ लड़कियां आए दिन वीडियो ट्रेंड में अश्लीलता को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी ओर मुस्कान डिजिटल माध्यम का सदुपयोग कर लोगों को अपनी सनातन संस्कृति से अवगत करा रही हैं।

 

मुस्कान अपने वीडियो के जरिए आध्यात्मिकता के बारे में बात करती हैं। वह कहानियों, विचारों और कथनों की मदद से धर्म की बड़ी-बड़ी बातों को आसानी से समझा पाती हैं। बोलते समय वह जितनी सहज लगती है, भाव उतने ही गहरे होते हैं। पिछले 25 दिनों में मुस्कान रघुवंशी 47 से ज्यादा स्कूलों में जाकर बच्चों से धर्म की बात कर चुकी हैं। इसके अलावा वे लाइफ मैनेजमेंट और मेडिटेशन की छोटी-छोटी तकनीकें भी सिखाती रही हैं। मुस्कान का यह प्रयास वाकई में सराहनीय है।

 

वह दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों और महिलाओं के सम्मान पर खुलकर चर्चा कर रही हैं। इसके साथ ही वे भगवद गीता, वेदों के ज्ञान, महाभारत, रामायण, कबीर के प्रवचनों और तुलसीदास के दोहों के सहारे जीवन में मूल्यों की जानकारी साझा कर रही हैं। इतना ही नहीं मुस्कान चाणक्य नीति से लेकर स्वामी दयानंद सरस्वती जी द्वारा लिखी गई "सत्यार्थ प्रकाश" के विचारों से भी युवाओं को अवगत करा रही हैं। गुरु आचार्य पंडित श्री राम शर्मा जी के विचारों व हमारे देश के महान क्रांतिकारियों जिनको हम अब भूल चुके हैं उनके बारे में भी बतला कर मुस्कान जन जागृत करने का काम रही हैं। उनका मानना ​​है कि जो भी ज्ञान प्राप्त होता है उसे समाज तक पहुंचाना चाहिए। वे आगे कहती हैं कि हमारी सनातन संस्कृति में ज्ञान की कमी नहीं है, इसलिए वे ज्ञान को थोड़ा-थोड़ा करके आगे बढ़ाने का हर संभव प्रयास कर रही हैं।

 

हाल ही में कुरुक्षेत्र (हरियाणा) में आयोजित श्री दयानंद सरस्वती के द्वितीय जन्म शताब्दी समारोह में मुस्कान ने ऋषि दयानंद जी महाराज के गुणों और योगदान पर प्रकाश डाला। धार्मिक मंच से बोलते हुए मुस्कान अपने आप को सौभाग्यशाली मानती हैं और इसका श्रेय स्वामी जी को देती हैं। वह कहती हैं कि उनके जैसी कई लड़कियां जो वेदों को सुनने और पढ़ने में सक्षम हैं, स्वामी जी के प्रयासों का परिणाम हैं। वेदों के अनुसार भारत के भाग्य विधाता महाऋषि दयानंद सरस्वती ने माता को प्रथम गुरु कहा है। अपने विचार को प्रस्तुत करते हुए मुस्कान ने आगे कहा कि नारी शिक्षा पर महा ऋषि दयानंद की बात याद आती है, जब वे अज्ञानता और अंधविश्वास को दूर करने के लिए निकले तो उन्होंने अनुभव किया कि जब तक नारी शिक्षित नहीं होगी तब तक हमारा समाज भी अज्ञान के अंधकार में भटकता रहेगा। 

 

आगे उन्होंने अपनी बात जोड़ते हुए कहा कि नारियों का अपने पांव पर खड़ा होना अति आवश्यक है. हर चीज से समझौता किया जा सकता है लेकिन अपनी कमाई से नहीं। उन्होंने ये भी कहा कि नारियों के लिए ये विशेषताएं जरूरी है कि वह जिंदगी के किसी भी मुकाम पर हो, आर्थिक रूप से किसी पर निर्भर ना हो। आज भी अगर किसी लड़की की शादी हो जाती है तो उसे नौकरी छोड़नी पड़ती है क्योंकि उसका पति दूसरे शहर में रहता है। लड़की बेरोजगार हो जाती है पर पति थोड़ी छोड़ता है, नौकरी लड़की को ही छोड़नी पड़ती है। यह समाज में बिल्कुल गलत रीत है।

 

अपने वक्तव्य में आगे मुस्कान ने कहा कि कम कमाओ लेकिन इतना तो जरूर कमाओ कि रोटी अपनी खा सको। पति, पिता या भाई  कोई भी हो, वो भले ही महीने का ज्यादा लाभ कमाते हो, उससे तुलना नहीं करनी चाहिए। शुरू करने के लिए कोई काम छोटा नहीं होता बस हमें कभी तुलना नहीं करना चाहिए। मुस्कान  भाइयों से भी कहती है कि वह भी घर का काम करें क्योंकि कोई भी काम छोटा नहीं होता है। 

 

रघुवंशी अपने सरहनीय कार्य से लोगों के बीच काफ़ी चर्चित हो रही है। कई गणमान्य लोगों ने मुस्कान के प्रयासों की सराहना की। मोटिवेशनल स्पीकर तरुण राज अरोड़ा (Motivational Speaker Tarun Raj Arora) ने मुस्कान को सुनने के बाद उसके वक्तव्य की काफी सराहना की और साथ ही भविष्य के लिए बधाई देते हुए कहा कि देश को ऐसे युवाओं की ज़रूरत है जो आगे आकर लोगों को धर्म के प्रति जागरूक करने का काम कर सके। 

 

इस आधुनिक दौर में जहां हमारी युवा पीढ़ी सोशल मीडिया ,वीडियो गेम, एवं फैशन के गंदे ग्लैमर  की ओर आकर्षित होकर अपने को हाई-फाई दिखाने में अपना समय नष्ट कर रही है। साथ ही बुरी आदतों से सामाजिक मर्यादा एवं संस्कृति के हनन को ही जीवन का लक्ष्य मान लिया है। वहां मुस्कान इतनी कम उम्र में भारतीय संस्कृति, वेद एवं उपनिषदों के ज्ञान से समाज के लोगों  में वैचारिक क्रांति का काम कर रही है। रघुवंशी की कोशिश युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत का काम कर रही है।

 

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!