महामंडलेश्वर संजना नंद गिरि का एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत, तीन दिवसीय दौरे पर रहेगी मुंबई

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 25 Jan, 2025 08:43 PM

grand welcome of mahamandaleshwar sanjana nand giri

निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर संजना नंद गिरि का मुंबई में प्रथम आगमन  एक ऐतिहासिक क्षण बन गया।

गुड़गांव ब्यूरो : निरंजनी अखाड़े की Mahamandaleshwar Sanjana Nand Giri का मुंबई में प्रथम आगमन  एक ऐतिहासिक क्षण बन गया। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका भव्य स्वागत हुआ, जिसमें प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक दुष्यंत प्रताप सिंह ने विशेष भूमिका निभाई। संजना नंद गिरि तीन दिवसीय दौरे पर मुंबई में रहकर विभिन्न गतिविधियों में शामिल होंगी। उनके आगमन ने आध्यात्मिक और सामाजिक जगत को एक नई दिशा दी है।

 

हवाई अड्डे पर Sanjana Nand Giri की स्वागत झलकियां

 

महामंडलेश्वर संजना नंद गिरि का स्वागत पूरी गरिमा और परंपरा के साथ किया गया। हवाई अड्डे पर उनके आगमन के दौरान कई अनुयायी, मीडिया के पत्रकार और समाजसेवक उपस्थित थे। दुष्यंत प्रताप सिंह ने उनका स्वागत करते हुए कहा, “महामंडलेश्वर जी का यहां आगमन हमारे लिए एक गर्व का क्षण है।”

 

मुंबई दौरे की मुख्य विशेषताएं

संत-महंतों से संवाद: संजना नंद गिरि का मुंबई के प्रमुख संत-महंतों से मिलने का कार्यक्रम है। यह आध्यात्मिक विचार-विमर्श और परंपराओं के आदान-प्रदान का अवसर होगा।  उनके दौरे में फिल्म जगत की हस्तियों से मिलने की योजना है। यह बैठक अध्यात्म और मनोरंजन के बीच एक सेतु बनाने का कार्य कर सकती है। महामंडलेश्वर संजना नंद गिरि मुंबई में समाजसेवकों और राजनीतिक हस्तियों से भी मुलाकात करेंगी। इस दौरान समाज में सुधार और सेवा कार्यों पर चर्चा की संभावना है।

 

कौन हैं Mahamandaleshwar Sanjana Nand Giri?

महामंडलेश्वर संजना नंद गिरि निरंजनी अखाड़े की प्रतिष्ठित संत हैं। अगस्त 2022 में, पंचपरमेश्वर की अध्यक्षता में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशनंद गिरि महाराज और अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज की उपस्थिति में उनका पट्टाभिषेक किया गया। संजना नंद गिरि मां कामाख्या मंदिर की साधिका हैं और उन्होंने अपने तप और साधना से आध्यात्मिक क्षेत्र में एक विशिष्ट स्थान बनाया है।

 

निरंजनी अखाड़ा का महत्व

निरंजनी अखाड़ा की स्थापना 726 ईस्वी में गुजरात के मांडवी में हुई थी। यह अखाड़ा अपने उच्च शिक्षित संतों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के साधुओं में डॉक्टर, प्रोफेसर और संस्कृत के विद्वान शामिल हैं। निरंजनी अखाड़े ने हमेशा अध्यात्म और शिक्षा का संतुलन बनाए रखा है, जो इसे अन्य अखाड़ों से अलग बनाता है।

 

मुंबई में आगमन का महत्व

महामंडलेश्वर संजना नंद गिरि का मुंबई दौरा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह समाज और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को जोड़ने का प्रयास है। उनका आगमन आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ावा देगा और मुंबई जैसे महानगर में नई ऊर्जा का संचार करेगा।

 

उनकी मुलाकातों और चर्चाओं से यह संभावना है कि आध्यात्मिकता, समाजसेवा और कला के क्षेत्रों में नए आयाम स्थापित होंगे। उनके इस दौरे को लंबे समय तक याद किया जाएगा। महामंडलेश्वर संजना नंद गिरि का मुंबई में स्वागत और उनके तीन दिवसीय कार्यक्रम आध्यात्मिकता, समाज और संस्कृति के संगम का प्रतीक हैं। उनके प्रयास न केवल आध्यात्मिक जीवन को प्रोत्साहित करेंगे, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होंगे।

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