पर्वतारोही ममता सौदा 'करोह' पर क्यों मनाएंगी बेटे का जन्मदिन? जानें उनके बारे में...

Edited By Punjab Kesari, Updated: 31 Oct, 2017 08:53 PM

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माउंट एवरेस्ट विजेता पर्वतारोही पदमश्री ममता सौदा ने हरियाणा की सबसे ऊंची चोटी करोह पर अपने बेटे का जन्मदिन मनाने का फैसला लिया है। वे हरियाणा पुलिस में पहली महिला कमाण्डर रह चुकी हैं और वे गार्ड ऑफ ऑनर की भूमिका निभा चुकी हैं। ममता सौदा ने जिस चोटी...

पंचकुला(उमंग श्योराण): माउंट एवरेस्ट विजेता पर्वतारोही पदमश्री ममता सौदा ने हरियाणा की सबसे ऊंची चोटी करोह पर अपने बेटे का जन्मदिन मनाने का फैसला लिया है। वे हरियाणा पुलिस में पहली महिला कमाण्डर रह चुकी हैं और वे गार्ड ऑफ ऑनर की भूमिका निभा चुकी हैं। ममता सौदा ने जिस चोटी का जिक्र किया है वो पंचकूला में मोरनी हिल्स के पास है, जिसकी ऊंचाई 4, 813 फीट है। ममता का ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि, हरियाणा की सबसे चोटी होने के बावजूद भी अभी तक इसको प्रसिद्धि नहीं मिल पाई है।

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हरियाणा पुलिस में पुलिस उप अधीक्षक ममता सौदा ने खुद यह जानकारी पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी। उन्होंने कहा कि इस चोटी को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाने के लिए मीडिया सबसे सशक्त माध्यम है, वह खुद आज जिस मुकाम पर हैं, उसमें मीडिया का अहम रोल रहा है।

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ममता सौदा ने कहा कि 1 नवंबर को उनका व उनके बेटे आर्यन का जन्मदिन है। वह इस जन्मदिन को बार मोरनी हिल्स पर ही मनाएंगी। उनके पति राजीव भी पर्वतारोही हैं, इसलिए उन्होंने इस चोटी को एक विश्व स्तरीय पहचान दिलवाने की पहल की है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश के युवा-युवतियों के लिए यह स्थान इस क्षेत्र में तैयारी करने के लिए मिशन की पहली सीढ़ी है, लेकिन युवाओं को इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। उन्हें भी इस क्षेत्र की जानकारी कुछ समय पहले ही मिल पाई है। इसलिए युवा इस स्थान से अपने मिशन की शुरूआत कर आगे बढ़े।

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जानें पर्वतारोही ममता सौदा के बारे में...
ममता ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से ही बीए, एम फिल और एमपी एड की डिग्री प्राप्त की है। और योगा में 80 प्रतिशत का डिप्लोमा भी हासिल किया है।
उत्तरकाशी की माऊंटेनिंग इन्स्टीट्यूट से बेसिक पर्वतारोहण की शिक्षा ली, और एडवांस्ड माऊंटेनिंग का कोर्स दार्जिलिंग से पूर्ण किया।
सन् 1998 में उन्होंने हैण्डबॉल चैंपियन शिप में गोल्ड मेडल जीता था, उसके पहले ही उन्होंने सिल्वर मेडल भी जीता था।
तैराकी, रिवर राफ्टिंग, डांसिग, स्कीईंग, पैरासेलिंग, पैराग्लाईङ्क्षडग जैसे रोचक प्रतियोगिताओं में उन्हें उच्च स्थान मिला।

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उन्होंने पर्वतारोहण में अपने करियर की शुरुआत 2003 में की थी, जो कि मनाली स्थित ट्रेक्किंग एक्सपेडिशन करीब 13000 फीट ऊंचे पर्वत पर चढ़ाई की थी। इसके बाद फ्रेंडशिप पीक-2007 (18000 फीट) मनाली,
फवारारंग पीक- 2008 में 214418 फीट (किन्नौर) 
मून पीक अक्टूबर 2008 में 16000 फीट (कांगड़ा)
श्री कंठ पीक -2009 में 20422 फीट (उत्तरकाशी)
मून पीक -2009 में 16000 फीट (कांगड़ा)
चंदर खान पास -2009 में 10000 फीट (मनाली)
हरियाणा के प्रथम नागरिक, माउंट एवरेस्ट-ईको एक्सपिसिशन 2010 में 29038 फुट (नेपाल)
द्वीप शिखर -2010 में 20589 फुट (नेपाल)
एमटी किलिमांजारो-2012 में 19630 फुट (तंजानिया, अफ्रीका के सर्वोच्च शिखर)
माउंट एलब्रस-2012 में  (18788फीट (रूस, यूरोप का सर्वोच्च शिखर)
माउंट एन्कैकागुआ -2013 में अर्जेंटीना (दक्षिण अमेरिका के सर्वोच्च शिखर) आदि की चढ़ाई की।

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ममता ने अपने करियर में कई अवार्ड अपने नाम किए जिनका उल्लेख नीचे किया गया है-
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पुरस्कार - 2010
महिला शक्ति गौरव सम्मान-2010
डॉ. भीमराव अम्बेडकर रतन-2010
पर्यटन मंत्रालय ने भी 2010 मेें सम्मानित किया।
हिंदुस्तान टाइम्स -2011 से सच्चा हीरो पुरस्कार
भारतीय गौराव पुरस्कार (राष्ट्रीय साहसिक क्लब) -2011
कल्पना चावला शौर्य पुरस्कार-2011
तेनजिन नोर्गे राष्ट्रपति एडवेंचर अवार्ड, 2011
पद्म श्री पुरस्कार, 2014

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