Edited By Isha, Updated: 22 Aug, 2025 01:43 PM

हरियाणा ने प्रदेश के औद्योगिक विकास को नई रफ्तार देने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (एकेआईसी) पहल के तहत हिसार में विश्वस्तरीय एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) स्थापित क
डेस्क: हरियाणा ने प्रदेश के औद्योगिक विकास को नई रफ्तार देने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (एकेआईसी) पहल के तहत हिसार में विश्वस्तरीय एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) स्थापित करने के लिए राज्य सरकार ने नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट एंड इम्प्लीमेंटेशन ट्रस्ट (एनआईसीडीआईटी) के साथ समझौता किया है।
इस समझौते पर एनआईसीडीसी के सीईओ एवं एमडी रजत कुमार सैनी, हरियाणा सरकार की नागरिक उड्डयन विभाग की आयुक्त एवं सचिव अमनीत पी़ कुमार और हरियाणा एयरपोर्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के एमडी नरहरि सिंह बांगड़ ने हस्ताक्षर किए। यह करार केंद्र और राज्य सरकार की उस साझा दृष्टि का प्रतीक है जिसके तहत विश्वस्तरीय औद्योगिक अवसंरचना का विकास कर हरियाणा को निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बनाया जाएगा।
यह परियोजना ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को मजबूती देगी और भारत को वैश्विक विनिर्माण शक्ति के रूप में स्थापित करने में योगदान करेगी। बड़े पैमाने पर होने वाले औद्योगिक निवेश से युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर मिलेंगे। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ होगा।
राव नरबीर सिंह, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने कहा कि हिसार में प्रस्तावित यह एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल देगा। एयरपोर्ट से निकटता और उत्कृष्ट कनेक्टिविटी के कारण यह परियोजना वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करेगी। हमारा लक्ष्य हरियाणा को उत्तर भारत का अग्रणी औद्योगिक हब बनाना और युवाओं को रोजगार के अधिकतम अवसर उपलब्ध कराना है।
करीब 2,988 एकड़ में विकसित होने वाली इस परियोजना की अनुमानित लागत 4,680 करोड़ रुपये है, जबकि इससे 32 हजार 417 करोड़ रुपये तक का निवेश आकर्षित होगा। इस क्लस्टर से 1.25 लाख से अधिक रोजगार अवसर पैदा होने की संभावना है। आईएमसी हिसार की सबसे बड़ी खासियत इसका स्थान है। यह महाराजा अग्रसेन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से सटा हुआ है, जिससे हवाई संपर्क के साथ-साथ तेज माल ढुलाई की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
परियोजना पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के बीच स्थित है तथा नेशनल हाईवे-52, नेशनल हाईवे-9 और मजबूत रेल नेटवर्क से जुड़ी है। बेहतरीन कनेक्टिविटी के चलते यह निवेशकों के लिए ‘हॉटस्पॉट’ बन सकती है। सरकार का दावा है कि यह क्लस्टर न केवल हरियाणा बल्कि पूरे उत्तर भारत को नई औद्योगिक पहचान देगा। अत्याधुनिक अवसंरचना और व्यवसाय-अनुकूल माहौल इसे घरेलू और विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक बनाएंगे। यहां ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और लॉजिस्टिक आधारित उद्योगों के आने की संभावना जताई जा रही है।