Edited By Shivam, Updated: 15 May, 2020 01:27 PM
लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को सहायता व राशन उपलब्ध करवाने के लिए शासन-प्रशासन ने पूरी जिम्मेवारी उठा रखी है, इसके बावजूद कई जगह मजदूर भूखे सोने को मजबूर हैं, क्योंकि न तो उन्हें उनके घर जाने दिया जा रहा है और न ही उन्हें सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही...
चंडीगढ़/पानीपत (धरणी): लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को सहायता व राशन उपलब्ध करवाने के लिए शासन-प्रशासन ने पूरी जिम्मेवारी उठा रखी है, इसके बावजूद कई जगह मजदूर भूखे सोने को मजबूर हैं, क्योंकि न तो उन्हें उनके घर जाने दिया जा रहा है और न ही उन्हें सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। आखिर में मजदूरों ने हरियाणा के बड़े अधिकारियों को हाईकोर्ट का लीगल नोटिस भेज खाने की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि उनकी मदद नहीं की गई तो इन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा।
मजदूरों ने चीफ सेक्रेटरी व पानीपत के डीसी सहित छ: अधिकारियों को हाईकोर्ट की अवमानना का लीगल नोटिस भेजा है और तत्काल राशन व आर्थिक सहायता दिलाने की मांग की है। नोटिस में अधिकारियों पर महामारी कानून 1893 के सेक्शन 3, आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 के 51, 55, 56 व धारा 188 के तहत मुकदमा चलाने की चेतावनी दी गई है।
श्रमिक संगठन इफ्टू प्रांतीय संयोजक पीपी कपूर ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार न तो मजदूरों को राशन दे रही है न ही उन्हें घर जाने दे रही है। उन्होंने बताया कि बीते 17 अप्रैल को इफ्टू की जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने जरूरतमंद प्रवासी मजदूरों को तत्काल राशन व आर्थिक मदद देने के आदेश किये थे। संगठन ने पानीपत के डीसी व हरियाणा सरकार के सभी संबंधित अधिकारियों को करीब 4000 मजदूरों के नामों के साथ उनका मोबाइल नम्बर, आधार नम्बर व बैंक खाता नम्बर आदि जानकारी भेजी थी। इस पर शुरू में एक बार तो प्रशासन ने सूखा राशन दिया, लेकिन दोबारा न तो राशन दिया और न ही हर हफ्ते 1000 रुपये की आर्थिक मदद की गई।
कपूर ने बताया कि उन्होंने अपने वकील संजीव यादव के माध्यम से मजदूर राजकुमार, संजय, फुरकान, शेखर पोद्दार, गुड्डू सहित 15 मजदूरों की ओर से डीसी सहित छ: अधिकारियों को लीगल नोटिस भिजवाया है। डीसी हेमा शर्मा के इलावा चीफ सेक्रेटरी केशनी आनन्द अरोड़ा, गृह सचिव विजय वर्धन, नोडल ऑफिसर मोहम्मद शाईन, लेबर कमिश्नर पंकज अग्रवाल, एडीसी प्रीति, कमिश्नर नगर निगम ओम प्रकाश को नोटिस भेजा गया है। नोटिस में चेतावनी दी है कि अगर मजदूरों को तत्काल राशन व अर्थिक मदद न दी तो हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना के जुर्म में सभी छ: अधिकारियों पर हाइकोर्ट में कार्रवाई की जाएगी।