Edited By Saurabh Pal, Updated: 25 Jul, 2024 08:32 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालही में रूस के दौरे पर गए थे। इस दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक में पीएम मोदी ने रूसी सेना के साथ यूक्रेन से युद्ध लड़ रहे भारतीयों की घर वापसी पर चर्चा की थी। जिस पर पुतिन ने रूसी सेना के साथ युद्ध के...
करनाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालही में रूस के दौरे पर गए थे। इस दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक में पीएम मोदी ने रूसी सेना के साथ यूक्रेन से युद्ध लड़ रहे भारतीयों की घर वापसी पर चर्चा की थी। जिस पर पुतिन ने रूसी सेना के साथ युद्ध के मैदान में फंसे भारतीयों को जल्द भारत भेजने की बात कही थी। जिसके बाद रूस में फंसे युवाओं के परिजनों की उम्मीदें बढ़ गईं थी, लेकिन उनकी बिगड़ती स्थिति के बारे में वीडियो सामने आया है, जिससे युवाओं के परिजनों की चिंता बढ़ गई है।
युद्ध के मोर्चे पर तैनात युवकों में हर्ष नाम के एक युवक का बुधवार को ऑनलाइन वीडियो सामने आया है। वीडियो में युवक ने खुलासा किया है कि भारतीय युवाओं को छोटे-छोटे समूहों में विभाजित किया जा रहा है, इसके बाद उन्हें जोखिम भरे स्थानों पर भेजा जा रहा है। हरियाणा के करनाल जिले के सांबली गांव का रहने वाला उन्नीस वर्षीय हर्ष 6 महीने पहले रूस जाने के लिए भारत से निकला था। वह रूसी सेना के लिए लड़ते हुए रूस-यूक्रेन सीमा पर टोकमार्क में फंस गया है। उसके एक दोस्त ने हर्ष और उसके दोस्तों का एक वीडियो साझा किया है, जिसमें सरकार से उन्हें भारत वापस लाने में मदद करने की अपील की गई है।
पंजाब के होशियारपुर निवासी गुरप्रीत सिंह ने 2-3 दिन पहले वहां फंसे सभी भारतीय युवकों की ओर से एक वीडियो बनाया था। जिसमें कहा गया है कि उन सभी को "रूस के लिए लड़ने के लिए मोर्चे पर भेजा जा रहा है। वे एक-दूसरे से संपर्क स्थापित करने में असमर्थ हैं"। वीडियो क्लिप गुरुप्रीत बताया कि रूसी "कमांडरों का कहना है कि जब तक उन्हें मुख्यालय से सूचना नहीं मिलती, वे इस तरह का कोई कदम नहीं उठा सकते हैं। जब हम दूतावास से संपर्क करने की कोशिश करते हैं, तो वे हमेशा हमें कुछ दिन इंतजार करने के लिए कहते हैं।"
वीडियो में गुरप्रीत ने जोर देकर कहा कि सीमा पर लड़ रहे कुछ भारतीय युवकों की मौत की खबर भ्रामक है और वास्तव में यह संख्या इससे कहीं अधिक है। बिगड़ते हालात का जिक्र करते हुए, उन्होंने सरकार और दूतावास से उन्हें सुरक्षित भारत वापस लाने में मदद करने की अपील की। एक न्यूज कंपनी से बातचीत में हर्ष ने कहा, "मैं चार दिनों से युद्ध के मोर्चे पर हूं। मैं अभी वापस कैंप में आया हूं। मैं सबसे पहले अपने परिवार से बात करूंगा, क्योंकि वे चिंतित होंगे। गुरप्रीत भी हम में से एक है और वह अब मोर्चे पर तैनात है। हम सभी को फिर से तैनात किया गया है।"
हर्ष के पिता सुरेश कुमार ने बुधवार को कहा, "हमारे प्रधानमंत्री द्वारा रूस के लिए लड़ रहे भारतीय युवकों के मुद्दे को उठाने की खबरों के बावजूद, हमें भारतीय दूतावास या सरकार से इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। वहां स्थिति और खराब हो गई है।"
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