पिता सुदेश भंडारी की दी सीख से लोगों को लाभांवित कर रहे तरुण : ज्ञानचंद गुप्ता

Edited By Isha, Updated: 18 Jul, 2024 06:44 PM

tarun is benefiting people with the teachings given by his father

स्वर्गीय सुदेश भंडारी की जयंती पर रेडक्रॉस सोसाइटी और सुदेश भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से पंचकूला में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता समेत महाराज संपूर्णानंद, महाराज राघवेंद्र भारती, महाराज...

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): स्वर्गीय सुदेश भंडारी की जयंती पर रेडक्रॉस सोसाइटी और सुदेश भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से पंचकूला में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता समेत महाराज संपूर्णानंद, महाराज राघवेंद्र भारती, महाराज राजेंद्र पुरी, पंजाबी कलाकार ओपी धालीवाल, बॉक्सिंग में राष्ट्रीय चैंपियन स्वीटी बुरा, विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा,  सोनीपत के मेयर निखिल मदान, मेयर कुलभूषण, अजय शर्मा,  रंजीता मेहता और श्यामलाल बंसल समेत कई व्यक्तियों ने स्वर्गीय सुदेश भंडारी को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला।

इस मौके पर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि श्री भंडारी ने हमेशा जनकल्याण के लिए कार्य किया। वह हमेशा अपने परिजनों को भी यहीं सलाह देते थे कि विपत्ति के समय में कभी भी किसी की सेवा करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। ऐसे समय में जितना अधिक हो सके पीड़ित लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। गुप्ता ने कहा कि अपने पिता के दिखाए मार्ग पर चलते हुए तरुण भंडारी लगातार जनसेवा के कार्यों को कर रहे हैं। अपने पिता की पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी ओर से 100 से अधिक प्रशिक्षण शिविर लगाकर हजारों लोगों को अलग-अलग कार्यों का प्रशिक्षण दिया गया, जिसका उन्हें भविष्य में लाभ मिलेगा।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि रेडक्रॉस समिति के साथ मिलकर सुदेश भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर लगाए गए प्रशिक्षण शिविर में जिस प्रकार से आपात हालात में किसी भी व्यक्ति के जीवन को बचाने के लिए की दिए जाने वाले प्राथमिक उपचार के बारे में बताया गया, यकीनन ही इस प्रकार के उपचार से आपात स्थिति में दिल का दौरा पड़ने पर अनेक जानों को बचाया जा सकता है, क्योंकि आम तौर पर रास्ते में या फिर किसी भी स्थान पर अचानक दिल का दौरा पड़ने पर व्यक्ति को समझ नहीं आता कि वह क्या करें ? ऐसे में जब इस प्रकार के शिविर से व्यक्ति को यह जानकारी मिलती है कि वह किस प्रकार से ऐसे रोगी का इलाज कर सकता है तो वह ऐसा करके यकीनन कई लोगों की जान बचा सकता है।

गुप्ता ने सुदेश भंडारी के पुत्र तरुण भंडारी के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि वह पिछले कई सालों से इस प्रकार के शिविर का आयोजन कर रहे है, जोकि अपने आप में एक सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि यह सब स्वर्गीय सुदेश भंडारी जी के गुण है कि जो आज उनके पुत्र उनके नाम पर इस प्रकार के कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंसान तो अपनी सांसारिक यात्रा पूरी कर इस दुनिया से चला जाता है, लेकिन उसके जाने के बाद भी जब उन्हें सालों तक याद किया जाता है तभी उनका इस धरती पर आना सार्थक होता है। सुदेश भंडारी के निधन से उनके परिवार को जो क्षति हुई, उसकी कभी भी भरपाई नहीं हो सकती, लेकिन इस प्रकार के प्रशिक्षण शिविर से लाभांवित होने वाले व्यक्ति उनकों पूरी जिंदगी में कभी भी भूल नहीं पाएंगे। सही मायनों में यहीं नर सेवा के जरिए नारायण सेवा है। 

मौके पर तरुण भंडारी ने कहा कि वह अपने पिता की याद में शुरू किए गए इन प्रशिक्षण शिविरों को लगातार जारी रखेंगे। केवल हरियाणा ही नहीं, उनका प्रयास है कि वह पूरे देश में इस प्रकार के शिविर लगाकर लोगों को इससे लाभांवित करें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शिविर के आयोजन के लिए वह गणमान्य व्यक्तियों को भी आमंत्रित करेंगे।

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