तीन कृषि अध्यादेशों को लेकर सुरजेवाला ने पीएम से पूछे कई सवाल, डिप्टी सीएम दुष्यंत को घेरा

Edited By vinod kumar, Updated: 19 Sep, 2020 04:33 PM

कृषि से जुड़े तीन अध्यादेशों को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर तीखी बयान बाजी की। उन्होंने बिलों को लेकर प्रधानमंत्री से कुछ सवाल पूछे।

कैथल (जोगिंद्र): कृषि से जुड़े तीन अध्यादेशों को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर तीखी बयान बाजी की। उन्होंने बिलों को लेकर प्रधानमंत्री से कुछ सवाल पूछे।

उन्होंने कहा कि जवाब दें की देश के करीब 62 करोड़ किसानों और मजदूरों की रोजी-रोटी क्यों छीन रही है?, भाजपा और जजपा बताएं कि मंडी व्यवस्था को संपूर्ण रूप से तोड़कर खत्म क्यों करना चाहती है? उन्होंने कहा की सरकार लाखों करोड़ों आढ़तियों, दुकानदारों, मंडी मजदूरों, मुनीम और ट्रांसपोर्टरों और गरीब आदमियों की आय और आजीविका को क्यों छीनना चाहती हैं ?

सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारे सब आढ़ती और मजदूरों को ये कह कर क्यों अपमानित किया की आढ़ती किसान की आय का हिस्सा जबरन छीनते हैं। उन्होंने आढ़तियों का पक्ष लेते हुए कहा की सच्चाई ये है की आढ़ती किसान का बैंक है, आढ़ती किसान का गहना होता है, जिसके बगैर किसान का उसकी फसल का न्यूनतम मूल्य नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं। 

उन्होंने कहा की सरकार बताए कि अगर मंडियां खत्म हो गई तो न्यूनतम समर्थन मूल्य किसान को कैसे मिलेगा और क्या मिलेगा और कौन देगा। सुरजेवाला ने कहा कि किसान खुद समर्थन मूल्य कहां से लेकर आएंगे। क्योंकि इस तरह बिल से मंडियां खत्म हो जाएगी। सरकार ने अब कानून बन दिया है जिससे मंडियां खत्म हो जाएंगी।

किसान के खेत से उसकी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य में एफसीआई के पास जाएगी तो एफसीआई के पास क्या व्यवस्था है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद सके। सुरजेवाला ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि किसान अपनी फसल पूरे देश में कहीं भी बेच सकते हैं, लेकिन किसान तो आज भी अपनी फसल दूसरे राज्य में बेचने के लिए स्वतंत्र हैं।

उन्होंने कहा कि किसानों के पास पैसे और साधनों की कमी है। उदाहरण देते हुए  सुरजेवाला ने कहा कि कोई कैथल का किसान कोलकाता अपनी फसल कैसे बेच कर आएगा, जब कृषि सेंसस 2015-16 के मुताबिक देश का देश का 86% किसान 5 एकड़ से कम भूमि का मालिक है, देश का 65% किसान 2 एकड़ भूमि का मालिक है, देश का 20 से 40% किसान भूमिहीन हैं, वह पट्टे पर जमीन लेकर खेती करता है। वह अपना फल, सब्जी और फूल जो 24 घंटे से ज्यादा समय तक नहीं रख सकता, वह हरियाणा से मुंबई या कोलकाता से हरियाणा कैसे बेच कर आएगा। देश प्रधानमंत्री किसानों और मजदूरों को बरगला रहे हैं।

सत्ता की मलाई कब तक खाते रहेंगे
आखिरी सवाल में उन्होंने कहा कि आखिर मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री जनता को बताएं कि वह सत्ता की मलाई कब तक खाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा का मजदूर और किसान जानना चाहता है कि दुष्यंत चौटाला अपने उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा कब देंगे और भाजपा से अपना समर्थन कब वापस लेंगे।

वहीं जब रणदीप सिंह सुरजेवाला से पूछा गया कि अगर दुष्यंत चौटाला अपना समर्थन वापस लेते हैं तो कांग्रेस के पास हरियाणा सरकार बनाने के लिए क्या विकल्प हैं, इसके जवाब में सुरजेवाला ने कहा कि अगर हरियाणा में मध्यवर्ती चुनाव हो जाते हैं तो हरियाणा में कांग्रेस 80 सीटों से ऊपर जीतकर अपनी सरकार बनाएगी। 

हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे पर भी बोले सुरजेवाला
हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे पर सुरजेवाला ने कहा कि हरसिमरत कौर बादल ने जून से सितंबर तक बिल को लेकर चुप्पी साध रही थी। उन्होंने कहा कि जब मंत्रिमंडल में तीनों अध्यादेश पारित हुए तो हरसिमरत कौर बादल वहां पर बैठी थी, उनके उन बिलों पर दस्तक हैं। अकाली दल ने उस वक्त बिल का विरोध क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा की हरसिमरत कौर बादल और सुखबीर सिंह बादल भाजपा के कारण ही सांसद बनकर गए थे, तो सबसे पहले तो उनको सांसद पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
 

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