हरियाणा विधानसभा सत्र में किए गए सात विधेयक पारित, यहां पढि़ए डिटेल

Edited By Shivam, Updated: 06 Nov, 2020 09:21 PM

seven bills passed in haryana assembly session read details here

हरियाणा विधानसभा सत्र में शुक्रवार को कुल सात विधेयक पारित किए गए, जिनमें हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक, 2020, हरियाणा नगरपालिका (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020, हरियाणा नगर निगम (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020 हरियाणा विधि अधिकारी (विनियोजन)...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा विधानसभा सत्र में शुक्रवार को कुल सात विधेयक पारित किए गए, जिनमें हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक, 2020, हरियाणा नगरपालिका (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020, हरियाणा नगर निगम (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020 हरियाणा विधि अधिकारी (विनियोजन) संशोधन विधेयक, 2020, हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020, हरियाणा लोक वित्त उत्तरदायित्व (संशोधन) विधेयक, 2020, और पंजाब भू राजस्व (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2020 शामिल हैं।

संगठित अपराध सिंडिकेट या गैंग की आपराधिक गतिविधि के निवारण और नियंत्रण हेतु तथा उनसे निपटान और उनसे संबंधित या उनके आनुषंगिक मामलों के लिए विशेष उपबंध करने के लिए हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक, 2020 पारित किया गया है।

हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा नगरपालिका (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया गया है। विधि एवं विधायी विभाग की अधिसूचना संख्या लैज. 34/2019 द्वारा हरियाणा नगर पालिका अधिनियम,1973 की सम्बन्धित धाराओं में नगर परिषद/नगर पालिका में प्रधान के पद का चुनाव सीधे तौर पर योग्य मतदाताओं द्वारा करने का प्रावधान किया गया था। तदनुसार हरियाणा नगर पालिका निर्वाचन नियमावली, 1978 भी संशोधन की प्रक्रिया में हैं।

हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा नगर निगम (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया गया है। विधि एवं विधायी विभाग की अधिसूचना लैज.33/2018, 4 अक्तूबर, 2018 द्वारा हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की सम्बन्धित धाराओं में नगर निगम के महापौर के चुनाव सीधे तौर पर योग्य मतदाताओं द्वारा करने का प्रावधान किया गया था। तदोपरांत, शहरी स्थानीय विभाग की अधिसूचना संख्या 2/10/2018-आर-ढ्ढढ्ढ द्वारा इस बारे हरियाणा नगर निगम निर्वाचन नियमावली,1994 में संशोधन करते हुए पांच नगर निगमों नामत: रोहतक, पानीपत, करनाल, यमुनानगर और हिसार में महापौर के चुनाव सीधे तौर पर योग्य मतदाताओं द्वारा 16 दिसम्बर, 2018 को करवाए गए।

हरियाणा विधि अधिकारी (विनियोजन) अधिनियम, 2016 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा विधि अधिकारी (विनियोजन) संशोधन विधेयक, 2020 पारित किया गया है। हरियाणा के विधि अधिकारियों (विनियोजन) अधिनियम, 2016 को 14 सितंबर, 2016 को अधिसूचित किया गया था, ताकि पारदर्शी, निष्पक्ष तथा उद्देश्य से महाधिवक्ता, हरियाणा में विधि अधिकारियों की विनियोजन की व्यवस्था प्रदान करने के उद्देश्य से और इससे जुड़े मामलों के लिए या आकस्मिक रूप से जुड़े मामलों के उद्देश्य से किया गया था। 

हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया गया है। यह संशोधन संवैधानिक प्रावधानों को अमल में लाने तथा ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों तथा जिला परिषदों में लिंग के सम्बन्ध में पर्याप्त और समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हुए पंचायती राज संस्थाओं के सभी तीनों स्तरों में महिलाओं की भागेदारी बढ़ाने के लिए किया गया है। यह संशोधन संरपचों तथा पंचायत समिति एवं जिला परिषद के सदस्यों के पद के लिए ‘क’ श्रेणी से सम्बन्धित पिछड़े वर्ग को आरक्षण प्रदान करना भी प्रस्तावित करता है। यह प्रगतिशील परिवर्तन पिछड़े वर्गों में अधिक वंचितों के सशक्तिकरण तथा उत्थान में मदद करेगा। यह संशोधन किसी निर्वाचित सरपंच, पंचायत समिति तथा जिला परिषद के सदस्यों की अपने मतदाताओं के प्रति जवाबदेही बढ़ाने के लिए वापिस बुलाने के उपबन्ध का प्रावधान करता है। इस प्रावधान का आशय पंचायती राज संस्थाओं में शासितों के प्रति शासन की लोकतान्त्रिक जवाबदेही को बढ़ाना है। 

हरियाणा लोक वित्त उत्तरदायित्व अधिनियम, 2019 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा लोक वित्त उत्तरदायित्व (संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया गया है। सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, सहकारी समितियों, विश्वविद्यालयों, स्थानीय प्राधिकरणों, निकायों, सार्वजनिक संस्थानों और राज्य सरकार, गैर-सरकारी संगठनों द्वारा स्थापित, नियंत्रित या वित्तपोषित, जो राज्य सरकार से अनुदान सहायता या अंशदान प्राप्त करते हैं और वे सभी निकाय जो किसी भी रूप में राज्य सरकार से सार्वजनिक धन प्राप्त करते हैं, वे संगठन जो राज्य के समेकित कोष से धन प्राप्त करते हैं, में उपयुक्त वैधानिक लेखा और आंतरिक लेखा परीक्षा प्रणाली के माध्यम से जवाबदेही की सुविधा के लिए एक कुशल और प्रभावी प्रणाली के माध्यम से राज्य के वित्तीय प्रशासन में जवाबदेही प्रदान करने के लिए यह विधेयक लाया गया है।

हरियाणा राज्यार्थ पंजाब भू राजस्व  अधिनियम, 1887 को आगे संशोधित करने के लिए पंजाब भू-राजस्व (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2020  पारित किया गया है। राजस्व न्यायालय में लम्बित विभाजन की कार्यवाही के त्वरित निस्तारण के लिए पंजाब भू-राजस्व अधिनियम,1887 में संशोधन किया गया है। यह अनुभव किया गया है कि राजस्व न्यायालयों में लम्बित विभाजन की कार्यवाही में बहुत अधिक समय लगता है क्योंकि इनके  निपटान बारे कोई वैधानिक समय सीमा नहीं है। इसके परिणामस्वरूप भू-स्वामियों, विशेष रूप से ग्रामीण जनता को लम्बे समय तक मुकदमेबाजी का सामना करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त, यह एक सामान्य प्रवृति है कि हिस्सेदारी में भूमि खरीद ली जाती है और उसके पश्चात बिक्री पत्र के आधार पर विशिष्ट खसरा नम्बरों में गिरदावरी अपने नाम करवा ली जाती है। इसके परिणामस्वरूप दीवानी एवं राजस्व न्यायालयों में बहुपक्षीय मुकदमेबाजी होती है। विभाजन में देरी के साथ-साथ मुकदमेबाजी को कम करने के लिए पंजाब भू-राजस्व अधिनियम, 1887 में संशोधन किया जाना आवश्यकता हो गया था। इससे सभी भू स्वामियों, विशेष रूप से किसानों को राहत मिलेगी और मुकदमेबाजी कम होने से कृषि दक्षता को बढ़ावा मिलेगा तथा समयबद्ध विभाजन सुनिश्चित होगा। अत: सार्वजनिक हित एवं उक्त स्थिति के मद्देनजर पंजाब भू-राजस्व अधिनियम, 1887 में धारा 111 व 118 के बाद धारा 111-ए व 118-ए को जोड़ा जाएगा।

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