शर्मनाकः अनुसूचित जाति के लोगों को दी गई मुफ्त टैंकियों के विभाग मांग रहा पैसे

Edited By Isha, Updated: 10 Dec, 2019 12:21 PM

scheduled castes shock department money free tanks

जन-स्वास्थ्य विभाग ने 10 साल पहले अनुसूचित जाति वर्ग (एस.सी.) के लोगों को शहरों में पेयजल कनैक्शन के साथ छतों पर रखी जाने वाली जो पानी की टैंकियां मुफ्त दी थीं, उनके पैसे 10 साल बाद विभाग........

जींद (जसमेर) : जन-स्वास्थ्य विभाग ने 10 साल पहले अनुसूचित जाति वर्ग (एस.सी.) के लोगों को शहरों में पेयजल कनैक्शन के साथ छतों पर रखी जाने वाली जो पानी की टैंकियां मुफ्त दी थीं, उनके पैसे 10 साल बाद विभाग ने पानी के बिल में जोड़कर भेजना शुरू कर दिया है। यह अनुसूचित जाति के लोगों को विभाग का जोर का झटका धीरे से है। शहर में अनुसूचित जाति के अनेक लोगों ने भाजपा विधायक डा.कृष्ण मिढा से मिलकर मामले में राहत की गुहार लगाई है। साल 2010 में जन-स्वास्थ्य विभाग ने शहरों में अनुसूचित जाति के लोगों को पेयजल कनैक्शन और उसके साथ छत पर रखी जाने वाली पानी की टैंकियां मुफ्त में दी थीं।

इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के लोगों से विभाग ने न तो कोई आवेदन पेयजल कनैक्शन और पानी की टैंकी के लिए मांगा था और न ही अनुसूचित जाति के लोगों ने इस तरह के पानी के कनैक्शन और पानी की टैंकी की कोई मांग विभाग से की थी। अब 10 साल बाद जन-स्वास्थ्य विभाग ने अनुसूचित जाति को उन लोगों से पानी के बिल में टैंकी की राशि जोड़कर बिल भेजने शुरू कर दिए हैं। ऐसे लोगों को 6-6 हजार रुपए तक के पानी के बिल जन-स्वास्थ्य विभाग ने थमा दिए हैं। इसमें लगभग 6 हजार रुपए तो पिछला एरियर दिखाया गया है और पानी का चालू बिल लगभग 160 रुपए का है।

पिछले एरियर की राशि में 6086 रुपए पानी के बकाया बिल के रूप में हैं तो चालू में 576 रुपए एरियर और 144 रुपए का वर्तमान बिल दिखाया गया है। 7-7 हजार रुपए के पानी के बिल हाथ में आते ही जींद में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के पैरों के नीचे से जमीन उन्हें खिसकती नजर आ रही है। हकीकत नगर के सूरजमल, रविंद्र, पवन कुमार आदि का कहना है कि जब उन्होंने 10 साल पहले पानी के कनैक्शन और टैंकी के लिए जन-स्वास्थ्य विभाग को कोई आवेदन ही नहीं किया था तो अब उस पानी के कनैक्शन और पानी की टैंकी के लिए उनसे पैसे मांगना उनके साथ बहुत बड़ी ना इंसाफी है।

उन्होंने कहा कि जन-स्वास्थ्य विभाग ने तब पेयजल के मुफ्त कनैक्शन और मुफ्त टैंकी के नाम पर एक-एक घर के पते पर पानी के 2 से 3 तक कनैक्शन अपने रिकार्ड में दिखा दिए और मेन लाइन से पानी का कोई कनैक्शन नहीं दिया। घरों तक पानी की पाइप लाइन बिछाई ही नहीं गई। पानी के दूसरे कनैक्शन की जरूरत ही नहीं थी, क्योंकि पहले ही उनके घरों में पानी का कनैक्शन था। अब 10 साल बाद विभाग मुफ्त पेयजल कनैक्शन और मुफ्त टैंकी के लिए पैसे पानी के बिल में जोड़कर मांग रहा है जो सरासर गलत है। 

हकीकत नगर, राजेंद्र नगर सहित कई कालोनियों में अनुसूचित जाति के लोगों को जब पानी के बिलों में बकाया 6 हजार रुपए से भी ज्यादा की राशि जोड़कर लगभग 7-7 हजार रुपए के बिल थमाए गए तो परेशान लोग विधायक डा.कृष्ण मिढा के यहां पहुंचे। उन्होंने विधायक को दिए ज्ञापन में कहा कि विभाग ने 10 साल पहले बिना आवेदन और बिना मांग के पेयजल के कनैक्शन जारी कर दिए और मुफ्त में पानी की टैंकी भी दे दी। अब मुफ्त पेयजल कनैक्शन और मुफ्त में दी गई पानी की टैंकी के लिए विभाग पैसे मांग रहा है।

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