Edited By Isha, Updated: 29 Aug, 2024 05:47 PM
हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने प्रदेश के कईं विधायकों की ओर से विधायकी को लेकर भेजे त्याग पत्र को स्वीकार कर लिया है, जबकि एक विधायक के इस्तीफे में तकनीकी खामियां होने के कारण उसे स्वीकार नहीं किया गया है।
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने प्रदेश के कईं विधायकों की ओर से विधायकी को लेकर भेजे त्याग पत्र को स्वीकार कर लिया है, जबकि एक विधायक के इस्तीफे में तकनीकी खामियां होने के कारण उसे स्वीकार नहीं किया गया है।
सूत्रों के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने विधायक जोगीराम सिहाग, अनूप धानक, सोमवीर सांगवान का विधायकी के पद से भेजे गए इस्तीफों को स्वीकार कर लिया है, जबकि रामनिवास सुरजाखेड़ा का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। सुरजाखेड़ की ओर से भेजे गए इस्तीफे में कई प्रकार की त्रुटियां होने के कारण उसे स्वीकार नहीं किया गया है। यदि वह फिर से ठीक करके अपना इस्तीफा भेजेंगे तो उसे स्वीकार किया जाएगा।
मौजूदा विधानसभा का गणित
बता दें कि तीनों विधायकों के इस्तीफे 27 अगस्त से स्वीकार माने गए है। इन विधायकों में हरियाणा में जेजेपी के टिकट पर बरवाला से विधानसभा पहुंचने वाले विधायक जोगी राम सिहाग ने पार्टी से मनमुटाव के चलते पहले पार्टी और बाद में विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा दिया था। इसी प्रकार उकलाना से जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) विधायक अनूप धानक ने भी पार्टी से अपनी सदस्यता के बाद विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था।
इनके अलावा दादरी से आजाद विधायक सोमवीर सांगवान ने भी अपनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को भेजा था। विधानसभा अध्यक्ष ने हर पहलू को ध्यान में रखते हुए इन सभी के इस्तीफे अब स्वीकार कर लिए है। इन तीनों इस्तीफों के स्वीकार होने के बाद हरियाणा विधानसभा में अब विधायकों की संख्या 83 रह गई है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को बहुमत के लिए 42 विधायकों की जरूरत है, जबकि बीजेपी के विधायकों की संख्या 41 है।