कोरोना संक्रमित 10 लोगों की रिपोर्ट आई नेगेटिव, झज्जर जिले का रिकवरी रेट 60 प्रतिशत हुआ

Edited By vinod kumar, Updated: 17 May, 2020 02:45 PM

report of 10 corona infected people came negative

झज्जर जिले में कोविड-19 यानी कोरोना वायरस को हराकर घर लौटने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। यहां आज कोरोना संक्रमित 10 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वह पीजीआई से स्वस्थ होकर घर लौट आए हैं। वहीं शनिवार शाम के समय भी 21 लाेग कोरोना...

बहादुरगढ़ (प्रवीण): झज्जर जिले में कोविड-19 यानी कोरोना वायरस को हराकर घर लौटने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। यहां आज कोरोना संक्रमित 10 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वह पीजीआई से स्वस्थ होकर घर लौट आए हैं। वहीं शनिवार शाम के समय भी 21 लाेग कोरोना को हराकर वापस अपने घर लौट आए थे।

जिला में कोरोना वायरस से संक्रमित 91 लोग सामने आए थे। जिसके बाद उन्हें पीजीआई रोहतक, खानपुर मेडिकल कॉलेज और बाढ़सा एम्स पार्ट 2 में एडमिट करवाया गया था। जिनमें से 53 लोग अब तक ठीक होकर वापस अपने घर लौट आए हैं। झज्जर जिले का कोरोना संक्रमित लोगों का रिकवरी रेट करीब 60% हो गया है। इतना ही नहीं राजधानी दिल्ली के आंकड़ों में दर्ज किए गए बहादुरगढ़ के रहने वाले तीन अन्य व्यक्ति भी ठीक होकर वापस अपने घरों में आ चुके हैं।

जिले में कोरोना पॉजिटिव रेट 2.5 प्रतिशत
झज्जर जिले में कोरोना पॉजिटिव रेट 2.5 प्रतिशत है। अब तक जिला प्रशासन 3665 लोगों की जांच कर चुका है। अलग अलग विभागों से 1888 लोगों की रैंडम सैंपलिंग भी की जा चुकी है। दूध सप्लाई करने वाले 40 व्यक्ति और 61 गर्भवती महिलाओं के भी सैंपल लिए जा चुके हैं। कोरोना संक्रमित लोगों के ठीक होकर लौटने का सिलसिला आगे भी जारी रहने की उम्मीद बनी हुई है।

कई बार ऐसा भी देखने में आया की जो व्यक्ति कोरोना को हराकर वापस घर लौटे हैं। कंटेनमेंट जोन में भारी भीड़ ने उन लोगों का स्वागत फूल माला पहनाकर किया है। लेकिन कंटेनमेंट जोन में किसी भी प्रकार की भीड़ लगाने वालों पर अब प्रशासन सख्ती बरतेगा। कोराेना को हराकर घर लौटने वाले लोगों के स्वागत करने वाले लोगों पर अब कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। एसडीएम तरुण पावरिया का कहना है कि कंटेनमेंट जोन में किसी भी प्रकार की गतिविधि करना कानूनन अपराध है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह कोरोना को हराने के लिए अपने घरों में ही रहे। 

राेडवेज की बसाें में घर भेजे श्रमिक
एसडीएम ने बताया कि केंद्र सरकार के आदेशों के बाद राज्य की सरकारें राज्य में फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को भेजने की व्यवस्था कर रही है। आज भी सैकड़ों श्रमिकों को बहादुरगढ़ से यूपी के विभिन्न जिलों के लिए रोडवेज की बसों में बैठाकर रवाना किया गया। हालांकि इस दौरान फिजिकल डिस्टेंस कहीं भी देखने को नहीं मिला।

उन्हाेंने कही कि बहादुरगढ़ में ज्यादातर कोरोनावायरस से संक्रमित केस सब्जी मंडी से जुड़े हुए थे। इसलिए सब्जी मंडी को सील कर दिया गया था, लेकिन अब प्रशासन सब्जी मंडी के आढ़तियों को कुछ रियायतें देने जा रहा है। ऐसे लोग जिनके कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, उनके हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे और सिर्फ उन्हें ही सब्जियां बेचने की अनुमति सरकार की ओर से दी जाएगी। इतना ही नहीं जिलेभर में करीब 11 हजार डिस्ट्रेस्ड कार्ड भी बनाए जाएंगे, ताकि जिन लोगों तक अब प्रशासन राशन पहुंचाने का काम कर रहा था। वह व्यक्ति स्वयं राशन डिपो पर जाकर अपना राशन ले सकें। 

अगर बात की जाए पुलिस और प्रशासन की सख्ती की तो हाईकोर्ट के आदेशों के बाद राजधानी दिल्ली से सटी सीमाओं पर ई पास दिखाकर बॉर्डर क्रॉस करना अब पहले से ज्यादा आसान हो गया है। लेकिन बेवजह सड़कों पर निकलने वाले लोगों के खिलाफ अब भी पुलिस कार्रवाई लगातार जारी है। झज्जर जिले में करीब 8000 वाहनों के चालान लाॅकडाउन पीरियड के दौरान किए गए हैं और उनसे करीब 38 लाख रुपये की राशि वसूल की गई है।

लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 450 मामले दर्ज
वहीं धारा 144 और लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 450 मामले दर्ज किए गए हैं। जिनमें 500 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। कोरोना वायरस को हराने के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग बेहद जरूरी है। इसलिए लोगों को घरों पर ही रहने की हिदायतें प्रशासन द्वारा दी जा रही हैं।

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