हरियाणा आशा वर्कर्स को सर्वाधिक मानदेय देने वाला राज्यः प्रवीण आत्रेय

Edited By Saurabh Pal, Updated: 13 Oct, 2023 08:04 PM

pravin atray said highest honorarium for asha workers in haryana

हरियाणा सरकार के मीडिया सचिव प्रवीण आत्रेय ने आशा वर्करों के प्रदर्शन पर बात करते हुए कहा कि हरियाणा प्रदेश में आशा वर्करों को देश में सर्वाधिक मानदेय मिलता है। आज़ भूपेंद्र सिंह हुड्डा राजनीतिक स्वार्थ में तथ्यों की अनदेखी करते हुए आशा वर्करों के...

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरनी): हरियाणा सरकार के मीडिया सचिव प्रवीण आत्रेय ने आशा वर्करों के प्रदर्शन पर बात करते हुए कहा कि हरियाणा प्रदेश में आशा वर्करों को देश में सर्वाधिक मानदेय मिलता है। आज़ भूपेंद्र सिंह हुड्डा राजनीतिक स्वार्थ में तथ्यों की अनदेखी करते हुए आशा वर्करों के लिए बड़ी बड़ी बातें कर रहे हैं। परन्तु सत्ता में रहते हुए कभी आशा वर्करों के मानदेय की चिंता नहीं की। आज़ हरियाणा सरकार आशा वर्करों को 4000 रुपये मासिक निश्चित मानदेय प्रदान करती है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल यानि वर्ष 2006-07 में मात्र 60 रुपये मासिक और वर्ष 2013-14 में मात्र 500 रुपये मासिक था। इसमें बढ़ोतरी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की। आशा वर्कर स्वैच्छिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता होने के नाते कर्मचारी की श्रेणी में नहीं आती हैं। 

प्रवीण आत्रेय ने कहा कि 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आशा वर्करों को 8 नियमित गतिविधियों हेतु अतिरिक्त दिया जाने वाले मानदेय को दुगना कर दिया था। वर्ष 2022-23 आशा वर्कर का मानदेय बढ़कर औसतन 9672 रुपये प्रति माह हो गया है। आशा वर्कर का मानदेय कार्य आधारित है। हरियाणा में 20350 आशा वर्कर कार्यरत हैं। इनमें से अधिकतर अपने कार्य के आधार पर 15000/- से 18000/- प्रति माह प्राप्त करती हैं। अन्य राज्य जैसे पंजाब में लगभग 5000 रुपये  दिल्ली में 7000 रुपये  तेलंगाना में 7500 रुपये मासिक प्राप्त करतीं हैं।

प्रवीण आत्रेय ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य बजट के अंतर्गत व्यापक प्रोत्साहन पैकेज दिया। तथा आशा वर्करों को जीवन बीमा के रूप में 3 लाख रुपए देने का प्रावधान किया। हरियाणा में आशा वर्करों को मोबाइल फोन, नेट डाटा आदि की सुविधा भी प्राप्त है। जहां अन्य प्रदेशों में आशा वर्कर हरियाणा माडल लागू करने की मांग करती हैं। वहीं हरियाणा के विपक्षी नेता अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए सरकार की आलोचना करते हैं।

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