Edited By Shivam, Updated: 31 Mar, 2020 07:08 PM
मछरौली के जंगलों मे बांसे वाला गांव के नजदीक कोई ट्रक चालक ट्रक भरकर पोल्ट्री फार्म के मुर्गे-मुर्गियाें को एक गोहर पर छोड़ गया जिसके चलते ग्रामीणों में भारी रोष है। महामारी के चलते अंडा बिक्री में आई मंदी के चलते अब पोल्ट्री संचालक भी इसकी चपेट में...
बिलासपुर (बाली): मछरौली के जंगलों मे बांसे वाला गांव के नजदीक कोई ट्रक चालक ट्रक भरकर पोल्ट्री फार्म के मुर्गे-मुर्गियाें को एक गोहर पर छोड़ गया जिसके चलते ग्रामीणों में भारी रोष है। महामारी के चलते अंडा बिक्री में आई मंदी के चलते अब पोल्ट्री संचालक भी इसकी चपेट में आ गए हैं और वह पोल्ट्री फार्म में रखी मुर्गी व मुर्गों की खाना वहन करने की स्थिति में नहीं है। मंदी की मार के चलते पोल्ट्री फार्म संचालक अपने फार्म को खाली करने पर लगे हुए हैं जिससे वे मुर्गे-मुर्गियां जंगल के आसपास के खेतों में फैल गए हैंं।
मुर्गे-मुर्गियाें के खेतों में फैलने के कारण गांव वासी व किसान इस वक्त बहुत भयभीत हैं। उनका कहना है कि जहां एक तरफ कोरोना वायरस के डर से वे परेशान हैं वहीं कोई पोल्ट्री संचालक ट्रक भरकर मुर्गे-मुर्गियाें को उनके खेतों के पास लगते जंगल में छोड़ गया है। इन मुर्गे-मुर्गियाें की संख्या हजारों में है। जिनको आकाश में घूमते हुए गिद्द अपना शिकार बना रहे हैं। कई मुर्गे-मुर्गियाें इस वक्त जख्मी हालत में हैं और वह अपनी जान बचाने के लिए गांव के भीतर भी प्रवेश कर चुकी हैं।
गांव के कुत्ते भी इन को अपना शिकार बना रहे हैं। जगह-जगह मृत मुर्गों के पंख व मांस बिखरा पड़ा हैं। ग्रामीण वासियों कुणाल, हरीश, सोहन सिंह, रमेश कुमार, गरीबदास, पंकज कुमार आदि गांव वासियों ने प्रशासन व सरपंच से अपील की है कि हजारों की संख्या में मरे हुए व जीवित मुर्गे-मुर्गियाें को उनके खेतों व जंगलों से उठाया जाए, क्योंकि उन्हें डर है कि कोरोना के साथ-साथ एक और भयंकर महामारी उनके गांव को अपनी चपेट में न ले ले।
गांव के सरपंच हुकम सिंह का कहना है कि जो भी पोल्ट्री संचालक ट्रक भरकर मुर्गे-मुर्गियाें को रात के अंधेरे में मछरोली गांव के खेतों के पास लगते जंगलों में छोड़ गया है। उसका किसी को भी पता नहीं चला, अगर हमें पता चलता तो हम उसके खिलाफ कार्रवाई अवश्य करते लेकिन फिर भी वह इस अज्ञात के खिलाफ कार्रवाई जरूर करेंगे और इसकी शिकायत पंचायत अधिकारी को देंगे। लोगों की समस्या को पंचायत अधिकारी तक अवश्य पहुंचाया जाएगा ताकि गांव के लोग स्वस्थ जीवन बहाल कर सकें।