पानीपत में रेसलिंग पर छाया डर का साया, बृजभूषण पर लगे आरोप से घबराए खिलाड़ियों के परिजन

Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 09 May, 2023 07:51 PM

panipat shadow of fear over wrestling

पानीपत के समलखा उपमंडल के गांव पट्टी कल्याणा में 8 से लेकर 15 साल की बच्चियां रेसलिंग सीखने के लिए दूर-दूर गांव से यहां पर प्रशिक्षण ले रही हैं। वहीं परिजनों का कहना है कि जिस प्रकार यौन उत्पीड़न को लेकर कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण सिंह पर आरोप लगे...

पानीपत(सचिन): पानीपत के समलखा उपमंडल के गांव पट्टी कल्याणा में 8 से लेकर 15 साल की बच्चियां रेसलिंग सीखने के लिए दूर-दूर गांव से यहां पर प्रशिक्षण ले रही हैं। वहीं परिजनों का कहना है कि जिस प्रकार यौन उत्पीड़न को लेकर कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण सिंह पर आरोप लगे हैं। वह अपने आप में बड़ा गंभीर मामला है। जिसको लेकर तमाम नेशनल-इंटरनेशनल प्लेयर आज जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं। जिनकी मांग है कि बृजभूषण की गिरफ्तारी हो और उनको रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि तमाम विपक्षी दल लगातार पहलवानों की अगबाई कर रहे हैं। चाहे इनेलो पार्टी के अभय चौटाला हो कांग्रेस के विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा आम आदमी पार्टी के दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सभी  रेसलरों का समर्थन कर चुके है।

उन्होंने कहा कि हमें सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि इतने बड़े लेवल पर जाने के बाद यह बच्चियां अपने यौन उत्पीड़न की बात करती हैं। वहीं हमारी बच्चियां तो प्रशिक्षण के लिए आती हैं ऐसे में बच्चों की सुरक्षा के लिए कई सवाल पैदा हो गए हैं। आम छोटी बच्चियों के साथ अगर भगवान ना करे कोई ऐसी वैसी घटना घट जाए तो उसको सुनने वाला कौन है। इसलिए इन बच्चों की सुरक्षा को लेकर अब परिजन के साथ साथ इन बच्चियों को ट्रेनिंग देने वाले कोच भी चिंतित हैं। इसका समाधान जल्दी ही होना चाहिए। क्योंकि इस पूरे प्रकरण का  प्रभाव छोटी बच्चियां जो रेसलिंग के लिए दूरदराज से आती है। उनके साथ उनके परिजन जी बच्चियों को लेकर यहां पर पहुंचते हैं। उनके अंदर भी आप इस तरह की चिंताएं घर कर गई है। इस विषय में सब को झकझोर दिया है। वहीं अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो हरियाणा में रेसलिंग की नर्सरी है वह उजड़ जाएगी, जहां पर इंटरनेशनल खिलाड़ी रेसलिंग में भारत का नाम रोशन करते हैं। आने वाला भविष्य जो लगातार अपने परिश्रम के बल पर ओलंपिक में पदक के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है कहीं ना कहीं उन पहलवानों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि अगर इसका जल्दी समाधान नहीं निकला तो हरियाणा में रेसलिंग करने वाली बच्चियां इस खेल से अलग हो जाएंगे। अगर हरियाणा में जय सिंह को बचाना है तो जल्दी ही इसका हल निकालना होगा। ताकि फिर से हरियाणा की बच्चियां रेसलिंग में अपना परचम लहरा सकें।  

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