Edited By Isha, Updated: 04 Jun, 2023 02:15 PM

22 साल पुराने मामले को लेकर वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को राहत देने की अर्जी को खारिज करते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने रणदीप सुरजेवाला को 9 जून को पेश होने का आदेश दिया है।
रेवाडी़: 22 साल पुराने मामले को लेकर वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को राहत देने की अर्जी को खारिज करते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने रणदीप सुरजेवाला को 9 जून को पेश होने का आदेश दिया है।
बताया जा रहा है कि सुरजेवाला को आरोप पत्र से मुक्त करने के लिए एक अर्जी हाईकोर्ट में दाखिल की गई है, ऐसे में कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि जब तक हाई कोर्ट का निर्णय आने तक सुरजेवाला को अवसर दिया जाए। एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस अर्जी को खारिज कर दिया है।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि 21 मई वर्ष 2000 में बहुचर्चित संवासिनी कांड के विरोध में वाराणसी के जिला मुख्यालय पर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया था. उस दौरान चक्काजाम, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाते हुए आयुक्त कार्यालय में तोड़फोड़ किया गया। उस समय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणदीप सुरजेवाला और प्रदेश अध्यक्ष एमपी गोस्वामी के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ।
आरोप है कि आयुक्त कार्यालय ने नेताओं के नेतृत्व में उग्र प्रदर्शन करते हुए कार्यकर्ता आयुक्त कार्यालय में तोड़फोड़ करने के साथ सरकारी दस्तावेजों को नुकसान पहुंचाया और पुलिस पर पथराव किया। अब इस मामले में रणदीप सुरजेवाला को 9 जून को वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होंगे।