Edited By Isha, Updated: 15 Oct, 2019 10:25 AM
प्राइवेट स्कूलों में अन्य राज्यों से बढिय़ा खिलाड़ी सप्लाई करने वाले गैंग की पर्तें खुलनी शुरू हो गई हैं। पंजाब के 3 स्कूलों की एफिलिएशन इसी आधार पर रद्द करने की सिफारिश की गई है जो हरियाणा से लाए
हरियाणा (नरेंद्र मोहन): प्राइवेट स्कूलों में अन्य राज्यों से बढिय़ा खिलाड़ी सप्लाई करने वाले गैंग की पर्तें खुलनी शुरू हो गई हैं। पंजाब के 3 स्कूलों की एफिलिएशन इसी आधार पर रद्द करने की सिफारिश की गई है जो हरियाणा से लाए स्कूली खिलाडिय़ों को अपना दिखा कर स्कूली प्रतियोगिताएं जीत कर अपनी ब्रांङ्क्षडग कर रहे थे। प्रथम दृष्टि पर आधारित इस मामले में अभी हरियाणा के 6 छात्र पकड़ में आए हैं जो हरियाणा राज्य के छात्र थे और उन्हें छोटी उम्र का दिखाकर खेलों में भेजा जा रहा था व उन्हें पंजाब में दिखाया गया था।
जिला मानसा और संगरूर के ऐसे 3 निजी स्कूलों की एन.ओ.सी. रद्द कर दी गई है। 3 खेल कोचों को भी खेल ड्यूटी से वंचित कर दिया गया है। इसके साथ ही कई दर्जन स्कूल भी विभाग के राडार पर आ गए हैं। पंजाब शिक्षा विभाग के सूत्रों ने खुलासा किया है कि उपरोक्त 3 निजी स्कूलों और छात्रों के अभिभावकों के विरुद्ध फौजदारी मामला दर्ज करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एक अन्य मामले में राष्ट्रीय खेल में शामिल हो चुके एक छात्र का ऐसा मामला और भी आ गया है। इसके बाद विभाग ने निजी स्कूलों द्वारा जोनल, जिला और राज्य स्तर पर स्कूली खेलों में शामिल होने वाले खिलाड़ी छात्रों का रिकार्ड खंगालना शुरू कर दिया है।
पिछले कुछ वर्षों से पंजाब में होते स्कूली खेल मुकाबलों में विजेता छात्रों के अनजान चेहरों का विवाद पनपने के बाद एक गुप्त जांच शुरू हुई जो आधिकारिक जांच में बदल गई। पंजाब के जिला मानसा के अधीन बुढलाडा के मनु वाटिका स्कूल के 2, झुनीर स्थित पंजाब कॉन्वैंट स्कूल के 2 और संगरूर के मॉडर्न सैकुलर सी.सै. स्कूल के 3 छात्रों की जांच शिक्षा विभाग ने डी.पी.आई. हरियाणा से करवाई तो पता चला कि पंजाब के जिन 3 स्कूलों में उक्त 7 छात्र 9वीं और 10वीं कक्षा में दाखिल दिखाए गए हैं, वास्तव में वे सभी हरियाणा के स्कूलों में ये कक्षाएं पहले से पास कर चुके हैं और उनकी उम्र भी ज्यादा थी परन्तु कथित फर्जी आयु सर्टीफिकेटों से आयु कम दिखाई गई थी। हरियाणा के ये छात्र पंजाब में इन स्कूलों के लिए प्रतियोगिताएं जीत रहे थे और पंजाब के वास्तविक छात्रों का हक मार रहे थे। इसका मकसद उक्त स्कूलों द्वारा अपनी प्रसिद्धि हासिल करना था।
शिक्षा विभाग ने सी.बी.एस.ई. को भी कार्रवाई के लिए लिखा
हरियाणा से रिपोर्ट आने के बाद पंजाब के शिक्षा विभाग ने तत्वरित कार्रवाई शुरू कर दी। शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि बुढलाडा के मनु वाटिका स्कूल और झुनीर स्थित पंजाब कॉन्वैंट स्कूल की एफिलिएशन सी.बी.एस.ई. के साथ है जिसके लिए पंजाब से एन.ओ.सी. लेना आवश्यक होता है। पंजाब ने दोनों स्कूलों का एन.ओ.सी. रद्द कर दिया है और सी.बी.एस.ई. को भी कार्रवाई के लिए लिख दिया है जबकि संगरूर के मॉडर्न सैकुलर सी.सै. स्कूल की एफिलिएशन पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से है जिसे रद्द करने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों के खेल कोच कबड्डी प्रभारी गुरदीप सिंह, डी.पी.ई. और कबड्डी प्रभारी जगसीर सिंह और डी.पी.ई. और कबड्डी प्रभारी रणजीत सिंह को भी खेलों से वंचित कर दिया है। कार्रवाई की जद में आए स्कूल अपने और अन्य छात्रों के भविष्य को लेकर ङ्क्षचता में हैं।
गुरदासपुर में भी सामने आया मामला
सूत्रों ने खुलासा किया है कि गुरदासपुर जिले में भी कुछ छात्रों द्वारा कम आयु दिखा कर खेलों में शामिल होने का मामला सामने आया है। सूत्र बताते हैं कि कुछ अन्य जिलों में भी खेलों के मार्फत से, खेलों से सर्टीफिकेट से फर्जी आयु प्रमाण पत्र बनाकर, फायदा लेने के भी कई मामले चर्चा में हैं और विभाग ने अब छात्र खिलाडिय़ों के दस्तावेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। पंजाब में ऐसे गैंग सक्रिय हैं जो न केवल अन्य राज्यों से खिलाड़ी उपलब्ध करवा रहे हैं बल्कि उनके निजी स्कूलों में कक्षा पास की गारंटी लेकर असली छात्र की जगह अन्य काबिल छात्र बिठाने का धंधा भी कर रहे हैं और बदले में मोटी राशि वसूल रहे हैं।