Edited By Manisha rana, Updated: 26 Feb, 2024 06:11 PM
इनेलो प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी की जघन्य हत्या पर फरीदाबाद एन आई टी 86 के विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि जब अधिकारी रैली में भीड़ इकट्ठा करने में व्यस्त रहेंगे, तो कानून व्यवस्था कौन देखेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के इतिहास में यह पहली राजनीतिक...
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): इनेलो प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी की जघन्य हत्या पर फरीदाबाद एन आई टी 86 के विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि जब अधिकारी रैली में भीड़ इकट्ठा करने में व्यस्त रहेंगे, तो कानून व्यवस्था कौन देखेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के इतिहास में यह पहली राजनीतिक हत्या हुई है और हत्या का आरोप भाजपा के पूर्व विधायक पर लगा यह इनकी मानसिकता को दर्शाने के लिए काफी है। उन्होंने कहा कि राजनीति में विरोध- मतभेद और मनभेद हो सकते हैं। लेकिन इस तरह से हत्या बड़ी बेशर्मी की बात है। ऐसे में आम नागरिकों की सुरक्षा और रक्षा कौन करेगा। पुलिस का काम सुरक्षा और कानून व्यवस्था का होता है ना ही रेलिया में भीड़ इकट्ठा करने का। आज पुलिस थानों में कर्मचारी पूरे नहीं है और जो है वह या तो किसानों को रोकने में - रेलियों में या विधायकों की जासूसी में व्यस्त हैं। शर्मा ने बताया कि बड़ी हैरानी की बात है मैंने पीगैसस पर तीन बार प्रश्न लगाया तो हर बार अलग-अलग तरह के जवाब दिए गए। उन्होंने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि जितना दिमाग यह जनता से कर इकट्ठा कर जनप्रतिनिधियों की जासूसी में लगाते हैं उतना ध्यान अगर नफे सिंह की सुरक्षा में लगाया होता तो वह हमारे बीच होते। पूर्व विधायक सुरक्षा मांगे तो इनका रुख नकारात्मक होता है लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं को सब कुछ मिल रहा है। पूरे प्रदेश में विभिन्न 450 के करीब लोगों को 1500 सुरक्षाकर्मी सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं इनमें से केवल 24 की सुरक्षा में 690 सुरक्षाकर्मी तैनात है यानी एक तराजू के एक पलड़े में 420 लोग तो दूसरे पलड़े में आधे से ज्यादा सुरक्षा लिए हुए 24 लोग मौजूद हैं, क्या यही रामराज है।
शर्मा ने कहा कि विधानसभा पटल पर कांग्रेस द्वारा इस हत्या के लिए उच्च न्यायालय की देखरेख में सीबीआई की जांच की मांग की गई, पहले तो सरकार यह नहीं करवाना चाहती थी, लेकिन विपक्ष के प्रेशर में यह हो पाया। उन्होंने कहा कि यह हर घड़ी पोर्टल पोर्टल चिल्लाते हैं, इतने बड़े अपराध के बाद सुबह 10 बजकर 20 मिनट तक भी एफ आई आर ऑनलाइन नहीं हो पाई थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद बयान दिया कि हम हर किसी को सुरक्षा नहीं दे सकते उसके बाद से अपराधियों के हौसले पूरी तरह से बुलंद है। जबकि प्रदेश के करोड़ों लोगों को विश्वास होना चाहिए था कि हर व्यक्ति के साथ मनोहर लाल खड़े हैं। सदन पटल पर गृहमंत्री ने 2004 से 14 तक के आंकड़े पेश किए तो मैंने कहा कि 2014 से 23 के भी आंकड़े रखो। एनसीआरबी का लेटेस्ट डाटा रखो कि देश में हरियाणा कौन से नंबर पर है, सब कुछ सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा सरकार में थोड़ी सी भी शर्म बाकी है तो इन 24 घंटे में इस हत्या के मामले में ऐसी नसिर पेश करें कि अपराधियों के पैर उखड़ जाए। जैसे यह अपराध खत्म करना चाहते हैं इन बातों से कुछ नहीं होगा।
शर्मा ने कहा कि बहुत से विधायकों को पूर्व में धमकियां आई। नफे सिंह राठी को भी धमकी आई थी। ऐसे मामले में तह तक जाना चाहिए था। कुलदीप वत्स -सुरेंद्र पवार को धमकियां आई। लेकिन किसी मामले में कुछ नहीं हुआ। अभय को भी कोर्ट की मदद से सिक्योरिटी मिल पाई। जिसे जिसे भी धमकी आई थी उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहिया करवाना सरकार का दायित्व था।
नीरज शर्मा ने बताया कि 23 नवंबर को पड़ोसी जिले पलवल की उपायुक्त को मैंने फोन किया तो उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की रैली में व्यस्त हूं। आप बताएं आपके पास कितने बसें भेजनी है और आप कितने आदमी रैली के लिए भेजेंगे। जिसकी शिकायत शर्मा ने विधानसभा स्पीकर और चीफ सेक्रेटरी के पास देने की भी बात बताई। लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। वहीं उन्होंने दूसरी घटना बताते हुए कहा कि एक दलित को असले की जरूरत पर मैंने उपायुक्त को फोन किया तो उनका जवाब था कि मुख्यमंत्री के कहने पर ही शस्त्र लाइसेंस दे सकती हूं। नीरज शर्मा ने इस पूरे घटनाक्रम को बेहद शर्मनाक बताते हुए कहा कि अगर अधिकारी इस तरह से काम करेंगे और मुख्यमंत्री अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं करेंगे तो यह बड़ी अजीब बात है। शर्मा ने आरोप लगाया कि आज अधिकारी संविधान की शपथ के अनुसार नहीं बल्कि भाजपा- आरएसएस की शपथ अनुसार कार्य कर रहे हैं। यह हरियाणा की नौकरी करने की बजाय भाजपा आरएसएस की सेवा में मौजूद है तो ऐसे में हरियाणा में कानून कैसे चलेगा, इसलिए जंगल राज हरियाणा में आ चुका है।