Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 12 Aug, 2025 08:40 PM

जिंदगी की जद्दोजहद झेल रहे एक दिहाडी मजदूर की सीने में उठे दर्द के कारण अस्पताल पहुंचाया गया। जहां इलाज के महज आधे घंटे बाद उसने दम तोड दिया। मौत की सूचना मिलते ही परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल...
गुड़गांव, (ब्यूरो): जिंदगी की जद्दोजहद झेल रहे एक दिहाडी मजदूर की सीने में उठे दर्द के कारण अस्पताल पहुंचाया गया। जहां इलाज के महज आधे घंटे बाद उसने दम तोड दिया। मौत की सूचना मिलते ही परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर हंगामा किया। बताया गया है 29 साल का बिहार के समस्तीपुर जिले का निवासी है।
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मृतक रमेश पासवान खांडसा मंडी में पल्लेदारी का काम करता था। मंगलवार सुबह 10 बजे रमेश के सीने में अचानक दर्द हुआ। उसकी गंभीर हालत देखते हुए अन्य मजदूरों ने उसे हीरो होंडा चौक स्थित आयुष्मान अस्पताल भर्ती करा दिया। चिकित्सकों द्वारा उपचार शुरू किए जाने के महज आधे घंटे बाद ही उसने दम तोड दिया। हंगामा तब शुरू हुआ जब आयुष्मान अस्पताल ने मरीज की डेडबॉडी देने से इन्कार कर दिया। आरोप है कि महज आधे घंटे चले इलाज के दौरान अस्पताल प्रबंधन ने इलाज का बिल 80 रूपए बना। बेहद गरीब होने के कारण परिजनों द्वारा देर शाम तक हंगामा चलता रहा।
देर शाम तक परिजनों के हवाले डेडबॉडी नही सौंपी गई थी। क्या कहा परिजनों ने मृतक के परिजन नरेश पासवान व रौशन पासवान ने बताया महज 30 मिनट चले इलाज में 80 हजार रूपए का बिल हैरान करने वाला है। जबकि एक अन्य परिजन नरेश पासवान ने बताया अस्पताल मल्टीस्पेशलिटी भी नही है जो एडवासं अस्पताल की तरह चार्ज करता हो। इस अवसर पर रणधीर राय, राजेश पटेल, दिनेश वर्मा सहित दर्जनों परिजन अस्पताल परिसर में मौजूद रहे। वहीं, मामले में अस्पताल प्रबंधन से संपर्क न हो पाने के कारण उनका पक्ष नहीं मिल सका।