Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 31 Jul, 2025 03:03 PM

बुधवार देर रात से रुक-रुक कर हो रही रिमझिम बारिश ने आज सुबह अपना असली रूप लेना शुरू कर दिया। झमाझम हुई बारिश के बाद जहां लोगों को गर्मी में भी सर्दी का अहसास हुआ वहीं यह राहत भरी बारिश लोगों के लिए आफत बन गई।
गुड़गांव, (ब्यूरो): बुधवार देर रात से रुक-रुक कर हो रही रिमझिम बारिश ने आज सुबह अपना असली रूप लेना शुरू कर दिया। झमाझम हुई बारिश के बाद जहां लोगों को गर्मी में भी सर्दी का अहसास हुआ वहीं यह राहत भरी बारिश लोगों के लिए आफत बन गई। शहर में हुए जलभराव ने पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया। सड़कों पर हुए जलभराव में कई वाहन भी खराब हो गए। दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे पर और सर्विस रोड पर हुए जलभराव के कारण वाहनों के पहिएं भी थम गए जिसके कारण जाम की स्थिति बनी रही। वहीं, जलभराव न होने का दावा करने वाले अधिकारी सड़कों पर भी नजर नहीं आए।
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दरअसल, बुधवार देर रात से गुड़गांव में रिमझिम बारिश हो रही है। रात को एक बार तो झमाझम बारिश हुई, लेकिन चंद मिनटों में ही यह बारिश रुक गई जिसके बाद प्रशासन ने भी राहत की सांस ली। वीरवार सुबह हल्की बूंदाबांदी ने एक बार फिर अपना असली रूप धारण किया और झमाझम बारिश हो गई। करीब 40 मिनट तक हुई झमाझम बारिश के बाद पूरा शहर जलमग्न हो गया। शहर की कोई कॉलोनी या गली ऐसी नहीं जिसमें पानी न भरा हो। मुख्य सड़कों के साथ-साथ कॉलोनियों की गलियों में भी पानी भर गया। वहीं, कई कॉलोनियों में तो यह पानी घरों में भी प्रवेश कर गया जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी हुई। सड़कों पर हुए जलभराव के कारण जाम भी लग गया। वहीं, शासन प्रशासन के नदारद रहने पर लोगों ने खुद ही कमान संभाली और न केवल जाम खुलवाया बल्कि पानी निकासी के अपने स्तर पर ही इंतजाम करने लगे। कापसहेड़ा बॉर्डर के नजदीक उद्योग विहार क्षेत्र का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा जिसमें प्रशासनिक दावों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं।
सबसे ज्यादा बुराहाल उद्योग विहार के साथ-साथ नरसिंह पुर, हीरो होंडा, कादीपुर, धनवापुर रोड, लक्ष्मण विहार, न्यू कॉलोनी, कृष्णा कॉलोनी सहित आसपास के एरिया में है। हीरो होंडा चौक के पास सर्विस रोड पर अंडरपास के नजदीक सड़क धंस जाने से सामान से भरा कैंटर भी उसमें फंस गया है। इसके अलावा कई स्थानों पर गाड़ियों में ही पानी भर गया। नरसिंह पुर में करीब चार फीट तक भरे पानी में गाड़ी चालक फंसे नजर आए। जिसके कारण यहां काफी दिक्कत हो रही है। ज्यादातर स्थानों पर ड्रेन तो है, लेकिन इनमें या तो पानी जाने की जगह नहीं है या इनकी सफाई ही नहीं हुई है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने मानसून से पहले ही जलभराव रोकने के लिए ड्रेन की सफाई दुरुस्त करने के दावे किए थे, लेकिन इन दावों की पोल खुलती नजर आई है।
यहां तक कि कैबिनेट मंत्री ने भी गुड़गांव के अधिकारियों के साथ जलभराव के पुख्ता इंतजाम होने का दावा किया था, लेकिन मानसून की पहली बारिश में जब अधिकारियों के दावों की पोल खुली तो मंत्री को भी बैकफुट पर आना पड़ा था और साल 2026 तक इस समस्या के समाधान का आश्वासन देना पड़ा। इसके बाद भी बैठक में जलभराव रोकने के लिए कई तरह के इंतजाम किए जाने के दावे तो किए गए, लेकिन हालात से साफ है कि जलभराव रोकने के लिए कार्य केवल फाइलों में ही किया जा रहा है। भले ही अंतराष्ट्रीय स्तर पर गुड़गांव की सफाई और जलभराव को लेकर किरकिरी हो रही हो, लेकिन गुड़गांव के अधिकारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।