Edited By Deepak Kumar, Updated: 12 Aug, 2025 05:00 PM

हरियाणा के जींद जिले के गांव थुआ में कालीरामन खाप के उप-प्रधान सुरेंद्र और उनकी पत्नी कृष्णा के घर19 साल बाद पहली संतान के रूप में बेटी का जन्म हुआ, जिसे लेकर उन्होंने थुआ तपा के 21 गांवों को भोज कराया।
डेस्कः हरियाणा के जींद जिले के गांव थुआ में बेटी के जन्म को लेकर अनूठा और प्रेरणादायक उदाहरण सामने आया है। कालीरामन खाप के उप-प्रधान सुरेंद्र और उनकी पत्नी कृष्णा के घर 19 साल बाद पहली संतान के रूप में बेटी का जन्म हुआ, जिसे लेकर उन्होंने गांव में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। खास बात यह रही कि इस कार्यक्रम में न केवल पूरे गांव, बल्कि थुआ तपा के 21 गांवों और प्रदेश की सभी खापों को न्योता भेजा गया।
बेटी का नाम रखा ‘भूमि’, समाज को दिया सशक्त संदेश
सुरेंद्र ने बताया कि उनकी शादी 9 जून 2006 को झील गांव की कृष्णा से हुई थी। शादी के लंबे समय तक संतान सुख नहीं मिला। पत्नी कृष्णा ने 10 से अधिक बार गर्भपात का दर्द झेला। सुरेंद्र बताते हैं कि हर बार गर्भवती होने के बावजूद बच्चा कोख में विकसित नहीं हो पाता था और कुछ ही महीनों में गर्भपात हो जाता था। डॉक्टरों ने जांच में बताया कि कृष्णा के ब्लड ग्रुप के कारण गर्भधारण में कठिनाई आ रही है और संतान की संभावना बेहद कम है।
पांच साल पहले सुरेंद्र ने अपने भाई के बेटे को गोद लिया था, लेकिन अब जब उनके घर खुद बेटी का जन्म हुआ, तो यह क्षण उनके लिए किसी त्योहार से कम नहीं रहा। बेटी का नाम ‘भूमि’ रखा गया और पूरे गांव में जश्न का माहौल बना।
बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं: सुरेंद्र
सुरेंद्र ने कहा, “मैं बेटे और बेटी में कोई फर्क नहीं समझता। बेटी के जन्म पर भी उसी तरह खुशियां मनानी चाहिए, जैसे बेटे के जन्म पर होती हैं। इससे समाज को सकारात्मक संदेश जाएगा और रूढ़िवादी सोच में बदलाव आएगा।”
लोगों ने कहा: ऐसा आयोजन पहले कभी नहीं देखा
गांववासियों और आस-पास के लोगों ने सुरेंद्र के इस कदम की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज तक किसी ने बेटी के जन्म पर इस तरह का आयोजन नहीं किया। यह पहल समाज के लिए मिसाल है और इससे लोगों को बेटी के महत्व को समझने में मदद मिलेगी।
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