Edited By Manisha rana, Updated: 16 Dec, 2024 08:54 AM
जिले में मानसिक रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सोनीपत नागरिक अस्पताल में रोजाना 20 से 30 मरीज मानसिक रोग उपचार के लिए पहुंच रहे हैं।
सोनीपत : जिले में मानसिक रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सोनीपत नागरिक अस्पताल में रोजाना 20 से 30 मरीज मानसिक रोग उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। जनवरी से लेकर अब तक कुल 7932 मरीज अस्पताल में इलाज के लिए आ चुके हैं। यह आंकड़ा पिछले वर्षाें की तुलना में 50 फीसदी तक ज्यादा है।
जिले में मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ रही है। विशेषज्ञों ने इसका बड़ा कारण मोबाइल और नशे की लत होना बताया है। इसके अलावा अनिद्रा, तनाव, अवसाद, नशे की प्रवृत्ति व अन्य मानसिक बीमारियों के मरीजों की संख्या 3 वर्षों में करीब 50 फीसदी बढ़ गई है। विशेषकर कोरोना के बाद ज्यादा मानसिक रोगी सामने आ रहे हैं।
डॉक्टर्स का कहना है कि इसका एक मुख्य कारण यह भी है कि लोगों में मानसिक बीमारियों को लेकर जागरूकता आ रही है। वहीं मानसिक रोगियों के उपचार को लेकर भी फोकस किया जा रहा है। नैशनल मैंटल हैल्थ प्रोग्राम के तहत हर शुक्रवार को अलग-अलग सी.एच.सी. पर कैंप एवं जन जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं। मनोरोग विशेषज्ञों का कहना है कि कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का समय आ गया है। इसी थीम पर इस बार विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024 की थीम रखी गई थी ताकि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोग जागरूक हों।
अपराध बढ़ने का एक कारण मानसिक रोगों का बढ़ना भी : डा. आंतिल
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप आंतिल का कहना है कि मानसिक रोगियों की संख्या में दिनोंदिन इजाफा हो रहा है। दिसम्बर माह में अब तक 267 मरीज मानसिक रोग के उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे हैं। अधिकतर मरीज सिरदर्द की समस्या लेकर आ रहे हैं। डॉ. अंतिल के अनुसार आजकल के अधिकांश अपराध मानसिक रोगियों द्वारा किए जा रहे हैं और पारिवारिक झगड़ों में भी लोग एक-दूसरे की जान ले रहे हैं। इसका मुख्य कारण मानसिक रोग है, जिसके कारण लोग छोटी-छोटी बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को मानसिक शांति बनाए रखते हुए चिकित्सक से समय पर सलाह लेनी चाहिए, ताकि गंभीर मानसिक समस्याओं से बचाव किया जा सके।
स्ट्रैस लैवल कम करने के 5 टिप्स
फिजिकल एक्टिविटी : यह एक नैचुरल स्ट्रैस रिलीवर के रूप में काम करता है। एक्सरसाइज से एंडोर्फिन निकलता है, जो प्राकृतिक मूड लिफ्ट के रूप में कार्य करते हैं। चाहे वह तेज चलना हो, योग हो या वर्कआऊट हो। नियमित एक्सरसाइज तनाव के स्तर को कम करने के साथ मैंटली बूस्ट करने में सहायक माना जाता है।
पूरी नींद : कम नींद भी स्ट्रैस को बढ़ा सकती है, जिससे दैनिक चुनौतियों का सामना करना कठिन हो जाता है। एक पर्याप्त नींद प्लान बनाएं जो यह सुनिश्चित करे कि आपको 7-9 घंटे की नींद मिले।
कैफीन और चीनी का सेवन : इसका सेवन हाई लैवल स्ट्रैस हार्मोन को बढ़ा सकता है और घबराहट या मूड में बदलाव का कारण बन सकता है। इन उत्तेजक पदार्थों का सेवन कम करने से मूड को अधिक स्थिर बनाए रखने और स्ट्रैस के शारीरिक लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
सोशल सपोर्ट : तनाव से निपटने के लिए सोशल सपोर्ट भी काफी जरूरी है। चाहे वह किसी दोस्त से बात करना हो, परिवार के साथ समय बिताना हो या किसी मैंटल हैल्थ एडवाइजर से सहायता मांगना हो।
टाइम मैनेजमैंट : खराब टाइम मैनेजमैंट से अत्यधिक तनाव हो सकता है, खासकर जब आपको लगता है कि आप कार्यों से पीछे भाग रहे हैं। कार्यों को प्राथमिकता देकर, यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करके और उन्हें छोटे-छोटे चरणों में विभाजित करके अपने दिन को व्यवस्थित करने से आपको स्ट्रैस को मैनेज करने में मदद मिल सकती है।
मानसिक रोग के प्रमुख लक्षण
नींद का न आना
चिड़चिड़ापन
सिर में दर्द रहना
भूख न लगना
ऐसी चीजें दिखना जो वास्तविक में नहीं होती
घबराहट महसूस होना
शक करना
काम में मन न लगना
इस साल के आंकड़े (जनवरी से दिसम्बर तक)
माह मानसिक रोगियों
की संख्या
जनवरी 512
फरवरी 591
मार्च 641
अप्रैल 569
मई 802
जून 620
जुलाई 843
अगस्त 794
सितम्बर 880
अक्तूबर 758
नवम्बर 655
दिसम्बर (अब तक) 267
(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)