Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 27 May, 2024 02:03 PM
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गुड़गांव में लगे अवैध विज्ञापनों को अब एक सप्ताह में हटा दिया जाएगा। इसके लिए नगर निगम अधिकारियों ने ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है। निगम के सभी जेई को एक सप्ताह में इन अवैध विज्ञापनों को हटाने के निर्देश नगर निगम कमिश्नर द्वारा जारी किए गए हैं।
गुड़गांव, (ब्यूरो): गुड़गांव में लगे अवैध विज्ञापनों को अब एक सप्ताह में हटा दिया जाएगा। इसके लिए नगर निगम अधिकारियों ने ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है। निगम के सभी जेई को एक सप्ताह में इन अवैध विज्ञापनों को हटाने के निर्देश नगर निगम कमिश्नर द्वारा जारी किए गए हैं।
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अधिकारियों की मानें तो नगर निगम गुरुग्राम की सीमा में किसी भी प्रकार का विज्ञापन प्रदर्शित करने से पूर्व निर्धारित फीस का भुगतान करके स्वीकृति लेना अनिवार्य है। बिना स्वीकृति के अवैध रूप से प्रदर्शित किए जाने वाले अवैध विज्ञापनों पर अब बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
इस बारे में संयुक्त आयुक्त प्रदीप कुमार ने विज्ञापन शाखा तथा इनफोर्समैंट शाखा के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में 7 दिन के भीतर अवैध विज्ञापनों को हटाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि वे 7 दिन बाद स्वयं क्षेत्र का दौरा करेंगे तथा अगर किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित के खिलाफ आगामी कार्रवाई हेतु निगमायुक्त को सूचित किया जाएगा। बैठक में कनिष्ठ अभियंताओं द्वार स्टाफ की कमी का मुद्दा बताए जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में कार्रवाई चल रही है तथा जोन वाइज पर्याप्त मैनपावर उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कनिष्ठ अभियंता अपने-अपने जोन के लिए कार्यकारी अभियंता द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित अंडरटेकिंग देंगे कि उन्हें क्षेत्र में अवैध विज्ञापन नहीं लगे हुए हैं।
आपको बता दें कि नगर निगम आयुक्त डाॅ नरहरि सिंह बांगड़ द्वारा संयुक्त आयुक्त प्रदीप कुमार को अवैध विज्ञापनों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। निगमायुक्त के अनुसार अवैध रूप से विज्ञापन का प्रदर्शन किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा तथा बड़े स्तर पर अभियान चलाकर क्षेत्र को अवैध विज्ञापनों से मुक्त किया जाएगा। अवैध विज्ञापन एक ओर जहां शहर को गंदा करते हैं, वहीं वाहन चालकों को भी अपनी ओर आकर्षित करते हैं, जिससे दुर्घटना होने का भी खतरा बना रहता है। इसके अलावा, अवैध विज्ञापनों के कारण नगर निगम को राजस्व का भी नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि विज्ञापन का प्रदर्शन करने से पूर्व निर्धारित फीस का भुगतान करके स्वीकृति लेना अनिवार्य है।