Edited By Saurabh Pal, Updated: 26 Jul, 2024 10:03 PM
बाराड़ा के गांव शेरपुर निवासी गुरप्रीत सिंह बीते दिनों लेह में भारत माता की सेवा करते हुए शहीद हो गए थे...
अंबाला(अमन कपूर): बाराड़ा के गांव शेरपुर निवासी गुरप्रीत सिंह बीते दिनों लेह में भारत माता की सेवा करते हुए शहीद हो गए थे। जिसके बाद आज उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया गया। जहां पूरे रीति रिवाज और सम्मान के साथ गुरप्रीत को अंतिम विदाई दी गई। पहले 146LT AD SP REGMENT ने सलामी दी और फिर नम आंखों से गुरप्रीत के पिता और उनके 4 वर्षीय बेटे ने उन्हें अंतिम विदाई दी।
गुरप्रीत सिंह जो पिछले लगभग 14 साल में बतौर फौजी देश की रक्षा कर रहे थे। 23 जुलाई को लद्दाख में पैर फिसलने से गुरप्रीत नदी में गिर गए थे। जिससे उनकी मौत हो गई थी। 25 जुलाई को उनका शव मिला, जिसके बाद परिवार को सूचना दी गई और आज गुरप्रीत का पार्थिव शरीर उनके गांव लाया गया।
गुरप्रीत अपने माता-पिता का अकेला बेटा था। गुरप्रीत सिंह की एक बहन है। गुरप्रीत सिंह अपने पीछे माता दविन्द्र कौर पिता दलीप सिंह दो बेटों सहजवीर सिंह तेजवीर सिंह और पत्नी हरलीन कौर को छोड़ गए। गुरप्रीत सिंह ने 12 साल पहले भारतीय सेना ज्वाइन की थी। गुरप्रीत सिंह के पिता दलीप सिंह ने बताया कि वीरवार सुबह ही सेना के अधिकारियों का फोन आया कि आपका बेटा गुरप्रीत सिंह शहीद हो गया है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने कोई कारण नहीं बताया। गुरप्रीत सिंह 4 जुलाई को ही घर से छुट्टी खत्म कर लेह क्षेत्र में गया था। जानकारी अनुसार बीते रविवार को गुरप्रीत सिंह के परिजनों को सेना से गुरप्रीत सिंह के लापता होने की खबर मिली थी। वीरवार सेना के जवानों को उसका शव मिला । जिसके बाद परिजनों को गुरप्रीत के शहीद होने की सूचना दी गई।
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