प्रदेश की जाट लैंड में जाटों के विरोध से मुरझाया कमल!

Edited By Isha, Updated: 27 Oct, 2019 11:10 AM

lotus withers in jat land of the state due to opposition from jats

भाजपा की जाट विरोधी इमेज ने प्रदेश की जाट लैंड में हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा के कमल को मुरझा दिया। जाटों का विरोध भाजपा पर जाट लैंड में भारी पड़ा तो मुस्लिम बाहुल्य 3 विधानसभा सीटों पर मुसलमानों का विरोध

जींद  (जसमेर): भाजपा की जाट विरोधी इमेज ने प्रदेश की जाट लैंड में हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा के कमल को मुरझा दिया। जाटों का विरोध भाजपा पर जाट लैंड में भारी पड़ा तो मुस्लिम बाहुल्य 3 विधानसभा सीटों पर मुसलमानों का विरोध भाजपा के लिए घातक साबित हुआ। रोहतक, झच्चर और सोनीपत की जाट लैंड में पूर्व सी.एम. भूपेंद्र हुड्डा तो जींद, हिसार, फतेहाबाद, भिवानी में दुष्यंत चौटाला फैक्टर भाजपा पर भारी पड़ा।  मई में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा को प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीटों पर ऐतिहासिक जीत मिली थी। तब प्रदेश की 90 में से 81 सीटों पर भाजपा को बढ़त मिली थी। इसमें रोहतक, हिसार, सोनीपत, सिरसा जैसी जाट लैंड के हलकों में भी भाजपा अपने विरोधियों पर भारी पड़ी थी। जाट लैंड में लोकसभा चुनावों में भाजपा के इस शानदार प्रदर्शन से ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से लेकर सी.एम. मनोहर लाल ने इस बार 75 पार का नारा विधानसभा चुनावों में दिया।

भाजपा नेतृत्व को लोकसभा चुनावों की जीत में जाट और मुसलमान समुदाय में भाजपा के प्रति अंदरखाते चल रही नाराजगी नजर नहीं आई। विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आए तो जाट और मुसलमान की भाजपा के प्रति नाराजगी चुनावी नतीजों में साफ नजर आई। भाजपा को झच्चर जिले की चारों विधानसभा सीटों झच्चर, बहादुरगढ़, बादली और बेरी में हार का सामना करना पड़ा। इन चारों सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी विजयी रहे।

रोहतक जिले में रोहतक, किलोई, महम, कलानौर में भाजपा का खाता नहीं खुल पाया और इनमें 3 सीटें कांग्रेस के खाते में गईं तो महम सीट निर्दलीय बलराज कुंडू के नाम रही। सोनीपत जिले में भाजपा को महज 2 सीटों गन्नौर और राई में ही जीत मिल पाई। बाकी 4 सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई। जींद की जाट लैंड में भूपेंद्र हुड्डा की बजाय जे.जे.पी. के दुष्यंत चौटाला का जादू चला और जाटों की भाजपा से भारी नाराजगी के कारण जींद जिले में पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह जैसे दिग्गज की धर्मपत्नी प्रेमलता को भी 47,000 से ज्यादा की हार उचाना कलां जैसे बीरेंद्र सिंह के मजबूत गढ़ में मिली। जींद जिले की 5 में से केवल एक सीट जींद भाजपा के खाते में गई जबकि 4 सीटों नरवाना, उचाना कलां, सफीदों और जुलाना में भाजपा को हार मिली।

हिसार जिले की जाट बाहुल्य नारनौंद विधानसभा सीट से भाजपा के दिग्गज वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यू को जे.जे.पी. के रामकुमार गौतम ने करारी शिक स्त दी तो बरवाला और उकलाना में भी जे.जे.पी. ने भाजपा को पराजित किया। फतेहाबाद जिले की टोहाना विधानसभा सीट पर जे.जे.पी. के देवेंद्र बबली ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को 50 हजार से भी ज्यादा मतों के अंतर से पराजित किया। भिवानी जिले में भी भाजपा को केवल 2 सीटों से संतोष करना पड़ा और वहां भी जाटों की नाराजगी भाजपा के लिए घातक साबित हुई। सिरसा जिले की जाट लैंड में कमल का फूल पूरी तरह मुरझाया और वहां भाजपा का खाता भी नहीं खुल पाया। 

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