लॉकडाउन: फ्री में बांटी गई मुर्गियां,  घर-घर उड़ी कढ़ाही चिकन की दावत

Edited By Shivam, Updated: 05 Apr, 2020 11:21 PM

lockdown free handed chickens door to door feast

करनाल से सटे गांव रांवर में आज अजब नजारा था। घर-घर कढ़ाही चिकन की दावत उड़ाने की तैयारियां थीं। एक हैचरी से फ्री बांटी जा रही मुर्गियों को लाने के लिए लोगों में होड़ लगी हुई थी। कोई कट्टे में मुर्गियां भरकर ले गया तो कोई थैले में। आखिर प्रशासन को...

करनाल: करनाल से सटे गांव रांवर में आज अजब नजारा था। घर-घर कढ़ाही चिकन की दावत उड़ाने की तैयारियां थीं। एक हैचरी से फ्री बांटी जा रही मुर्गियों को लाने के लिए लोगों में होड़ लगी हुई थी। कोई कट्टे में मुर्गियां भरकर ले गया तो कोई थैले में। आखिर प्रशासन को सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला और गांव में एहतियात बरतने की मुनादी करवाई गई। इधर, पोल्ट्री प्रबंधकों ने भी माफी मांगते हुए कहा कि भविष्य में वह फ्री में मुर्गियां नही बांटेंगे।

जानकारी के अनुसार गांव के बाहर बने पोल्ट्री फार्म से बीती देर शाम को बूढ़ी मुर्गियां बांटने का सिलसिला शुरू किया गया। सुबह समाजसेवियों ने लोगों को आगाह किया कि फ्री में बांटी गई मुर्गियां बीमार हो सकती हैं, इसलिए वह उन्हें न खाएं, पर चिकन प्रेमियों ने उनकी एक नहीं सुनी। फार्म से कट्टे में भरकार 20 मुर्गियां लाए पाली ने मीडिया से कहा कि सरपंच ने लॉकडाउन के बाद आज तक राशन तक नहीं बंटवाया। हम भूखे हैं, मरना है तो फिर मुर्गा खाकर क्यों न मरूं। उन्होंने कहा कि पोल्ट्री वालों ने कहा है कि खाने से कुछ नहीं होगा। खूब चिकन खाओ।

गांव की बुजुर्ग महिला भूली देवी ने कहा कि मुफ्त की मुर्गियां देखकर लोगों की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। कट्टे भरकर ला रहे हैं मुर्गियों के। हम रोकेंगे तो ये हमारे सिर पर भी लट्ठ मारेंगे। गांव के समाजसेवी रिंकू ने बताया कि पोल्ट्री फार्म से बूढ़े बीमार, यहां तक कि मरे हुए मुर्गे भी बांट दिए गये। इससे बीमारी फैलने की आशंका है। गांव में ठीकरी पहरे लगे होने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग मुर्गियां लेने के लिए हैचरी पर कैसे पहुंच गए, इस सवाल पर महिला सरपंच के परिजनों ने कहा कि कोई दवा लेने के बहाने निकला तो कोई घास लाने का बहाना बनाकर।

इस बीच गांव में ड‍्य‍‍ूटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में पहुंचे पुलिस बल ने लोगों को भीड़भाड़ न करने और कोरोना के प्रति एहतियात बरतने की सलाह देते हुए कहा कि वह सचेत रहें। हैचरी प्रबंधकों ने अधिकारियों से माफी मांगते हुए कहा कि भविष्य में वह मुर्गियों का फ्री वितरण नहीं करेंगे। कोरोना वायरस के बाद से पोल्ट्री उद्योग संकट में है। चार रुपये के अंडे की कीमतें गिरकर दो रुपये तक आ गई हैं और चिकन के खरीददार नहीं मिल रहे। ऐसे में उन्होंने फ्री में मुर्गियां बांटने की योजना बना डाली। 

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