Edited By vinod kumar, Updated: 10 Feb, 2021 02:40 PM

अब बेजुबान जानवरों को प्रताड़ित करने वाले किसी भी शख्स की खैर नहीं। जानवरों पर अत्याचार करने पर 75 हजार रूपये जुर्माना के साथ 5 साल की सजा हो सकती है। सरकार सजा को और अधिक सख्त बनाने के लिए पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के 60 साल पुराने संशोधन पर...
फरीदाबाद (अनिल राठी): अब बेजुबान जानवरों को प्रताड़ित करने वाले किसी भी शख्स की खैर नहीं। जानवरों पर अत्याचार करने पर 75 हजार रूपये जुर्माना के साथ 5 साल की सजा हो सकती है। सरकार सजा को और अधिक सख्त बनाने के लिए पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के 60 साल पुराने संशोधन पर प्रस्ताव ला रही है, जिसके लिए मेनिका गांधी की संस्था पीपल फॉर एनिमल की फरीदाबाद अध्यक्ष प्रीती दुबे ने सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस एक्ट में बदलाव के बाद लोग डरेंगे और जनवरों पर अत्याचार कम होगा।
गौरतलब है कि कुत्तों से लेकर बिल्लियों तक, घोड़ों से लेकर हाथियों तक, सब पर इंसानों ने क्रूरता की हद पार की है, लेकिन देश में इसकी सजा बहुत कम है। मगर अब जल्द ही बदलाव किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सरकार ने एक मसौदा तैयार किया है और इस मसौदे में तीन श्रेणियों में अपराधों का प्रस्ताव दिया गया है।
मामूली चोट, स्थायी विकलांगता के कारण बड़ी चोट, और क्रूर व्यवहार के कारण एक जानवर की मौत और विभिन्न अपराधों के लिए 750 रुपये से लेकर 75,000 रुपये तक का जुर्माना और पांच साल तक की जेल की सजा का प्रावधान लाया जा रहा है। राज्यसभा में संसद के एक प्रश्न के लिखित जवाब में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि सरकार ने 60 साल पुराने प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स एक्ट में संशोधन के लिए एक मसौदा तैयार किया है और अधिक कठोर दंड पेश करके पीसीए, 1960 में संशोधन की आवश्यकता को सरकार द्वारा मान्यता दी गई है।
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