Edited By Yakeen Kumar, Updated: 09 Jun, 2025 07:06 PM

पिंजौर एचएमटी के समीप बरसाती नदी कौशल्या पर सरकार ने वर्ष 2012 में लगभग 150 करोड रुपए खर्च कर कौशल्या डैम का निर्माण किया था ताकि इस पानी को ट्रीटमेंट प्लांट से पीने योग्य बनाकर इसे पंचकूला के विभिन्न हुडा सेक्टरों में सप्लाई किया जा सके।
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : पिंजौर एचएमटी के समीप बरसाती नदी कौशल्या पर सरकार ने वर्ष 2012 में लगभग 150 करोड रुपए खर्च कर कौशल्या डैम का निर्माण किया था ताकि इस पानी को ट्रीटमेंट प्लांट से पीने योग्य बनाकर इसे पंचकूला के विभिन्न हुडा सेक्टरों में सप्लाई किया जा सके। लेकिन इस कौशल्या डैम में पिंजौर के गंदे नालों का पानी और नदी किनारे स्थित गौशाला और इसी के समीप नगर परिषद द्वारा पिंजौर, कालका शहरों के कूड़े करकट का बनाया गया डंपिंग ग्राउंड और यहीं पर बसी एक बड़ी झुग्गी बस्ती का सारा दूषित पानी इसी नदी में से होकर डैम के जलाशय में मिल रहा है जो डैम के पानी को दूषित कर रहा है। यदि कौशल्या नदी में गिरने वाले नालों के पानी और गौशाला सहित झुग्गी बस्ती के पानी और अन्य गंदगी को ना रोका गया तो इसी प्रकार सप्लाई किया गया यह दूषित पानी कभी भी महामारी का रूप ले सकता है।
इसी विषय पर शिवालिक विकास मंच प्रदेश अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव विजय बंसल एडवोकेट ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, हुडा विभाग, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग सहित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनज़ीटी) को ज्ञापन भेज कर कौशल्या नदी में गिर रहे गंदे नालो के पानी सहित गौशाला और झुग्गी बस्ती के पानी को रोकने और गौशाला की बगल में बने कूड़े करकट के डंपिंग ग्राउंड को यहां से शिफ्ट करने की मांग की है ताकि नदी का जल दूषित ना हो सके और लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो।
मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में विजय बंसल एडवोकेट ने कहा कि पिछले कई वर्षों से पिंजौर के चोना चौक से गंदे नाले का पानी और बैरागी मोहल्ला, सैनी मोहल्ला, गुरुद्वारा रोड, कबीरपंथी मोहल्ला, भीमा देवी कॉलोनी सहित पूरे बाजार का गंदा पानी नालियों में से बहकर पिंजौर गार्डन के पुल के नीचे से होते हुए सीधा कौशल्या डैम में जा रहा है इतना ही नहीं इन नालों और नालियों का गंदा पानी यहां पर फैले हुए गंदे कूड़े करकट में से होकर गुजरता है जो इसे और अधिक विषैला बना देता है।
विजय बंसल एडवोकेट ने कहा कि इसके अलावा डैम के समीप बनी हुई गौशाला का गंदा पानी और यहीं पर बसी हुई सैकड़ो झुग्गी बस्ती का पानी भी डैम में जा रहा है, गौशाला की बगल में ही नगर परिषद कालका ने पिंजौर और कालका शहरों का सारे कूड़ा करकट का डंपिंग ग्राउंड बनाया हुआ है बारिश होते ही बरसात का यह पानी सारी गंदगी को बहा कर डैम के जलाशय में मिला रहा है। जो कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का सरासर उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं सीआरपीएफ कैंप का भी गंदा पानी सीधे कौशल्या नदी में जा रहा है। लेकिन ना तो नगर परिषद प्रशासन न ही जिला प्रशासन और ना ही सिंचाई और जन स्वास्थ्य विभाग को इसकी कोई चिंता है।
विजय बंसल एडवोकेट ने कहा कि प्रशासन की यह लापरवाही कभी भी किसी बड़ी महामारी का रूप ले सकती है। इसलिए जल्द से जल्द इस गंदे पानी को रोक कर यहां पर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर पानी को स्वच्छ करने के बाद ही नदी में छोड़ना चाहिए।