Edited By Manisha rana, Updated: 19 Oct, 2024 10:39 AM
पराली अवशेष जलाने के मामले में जहां कैथल जिला प्रदेश में नंबर एक पर है। वहीं यहां की हवा भी देश में सबसे खराब बताई जा रही है, जिसकी मुख्य वजह है कि जिले में अब तक पराली जलाने के 117 मामले सामने आ चुके हैं।
कैथल (जयपाल रसूलपुर) : पराली अवशेष जलाने के मामले में जहां कैथल जिला प्रदेश में नंबर एक पर है। वहीं यहां की हवा भी देश में सबसे खराब बताई जा रही है, जिसकी मुख्य वजह है कि जिले में अब तक पराली जलाने के 117 मामले सामने आ चुके हैं। इस वजह से शहर की आबो-हवा भी बेहत खराब हो गई है, वहीं शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 320 के पार पहुंच गया है, जिस कारण लोगों को सांस लेने के आंखों में जलन हो रही है। मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्वयं संज्ञान लेते हुए कैथल डीसी को नोटिस जारी कर आगामी 23 अक्टूबर को जबाव देने को कहा है।
बता दें कि जिले में पराली जलाने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रहे हैं, अब तक 117 मामले सामने आने के बाद भी विभाग द्वारा एक भी किसान के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करवाई गई है। अधिकारी सिर्फ जुर्माना लगाने तक ही सीमित है, लोग प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस के डर से दिन की बजाए अब रात को आग लगा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए अपने आदेशों में कहा कि आखिर कैथल और कुरुक्षेत्र जिले में पराली जलाने की घटनाओं को क्यों नहीं रोका जा रहा। इस संदर्भ में अब कैथल और कुरुक्षेत्र के डीसी 23 अक्टूबर को कोर्ट में जवाब देंगे। इस संदर्भ में अभी जिला प्रशासन के पास आदेश नहीं पहुंचे हैं, जबकि हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी ने 2 दिन पहले भी बढ़ कर मामलों को लेकर डीसी से रिपोर्टर से रिपोर्ट मांगी गई थी।
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