जेपी दलाल ने नई दिल्ली में केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला से की मुलाकात

Edited By Shivam, Updated: 26 Sep, 2021 07:43 PM

jp dalal meets union animal husbandry and dairying minister purushottam rupala

प्रदेश में कृषि, किसान एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने नई दिल्ली में केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला से मुलाकात की। इस दौरान कृषि मंत्री जेपी दलाल ने केन्द्रीय मंत्री को प्रदेश में दुग्ध, पशुपालन, मछलीपालन के क्षेत्र में हुए...

चंडीगढ़ (धरणी): प्रदेश में कृषि, किसान एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने नई दिल्ली में केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला से मुलाकात की। इस दौरान कृषि मंत्री जेपी दलाल ने केन्द्रीय मंत्री को प्रदेश में दुग्ध, पशुपालन, मछलीपालन के क्षेत्र में हुए विकास के बारे में जानकारी दी और प्रदेश में इस क्षेत्र में विस्तार की संभावनाओं के बारे में बताते हुए विकास योजनाओं के लिए मांग रखी।

रविवार को कृषि मंत्री जेपी दलाल से मुलाकात के दौरान केन्द्रीय मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है कृषि के साथ अन्य विकल्पों को अपनाकर किसान की आय को दोगुना किया जाए। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना इसी लक्ष्य का एक हिस्सा है जिसमें देश के मछली पालकों के लिए अनेक सुविधाएं दी गई है। योजना के तहत सभी प्रोजेक्ट्स पर सामान्य जाति के प्रार्थियों को 40 प्रतिशत व अनुसूचित जाति व महिला प्रार्थियों को 60 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता दी जाती है।

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि हरियाणा प्रदेश में केन्द्र की इस योजना को जोरशोर से लागू किया गया है। प्रदेश में झींगा मछली पालन का जहां वर्ष 2014 में केवल 28 हेक्टेयर भूमि तक सीमित था वहीं अब 493 हैक्टेयर भूमि में मछली पालन किया जा रहा है। वर्ष 2024-25 तक इसे 4000 हेक्टेयर भूमि तक किए जाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि कृषि के अनुपयोगी सिद्घ हुई भूमि को मछली पालन के लिए किसानों को लीज पर दी जाएगी।

जेपी दलाल ने बताया कि मछली पालन के अलावा प्रदेश में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार पशुपालकों को विभिन्न योजनाओं से लाभ दे रही है। प्रदेश में पशुओं का बीमा कर किसानों को जोखिम रहित किया गया है। वहीं कृत्रिम गर्भाधान स्कीम से नस्ल सुधार पर जोर दिया जा रहा है। प्रदेश में किसान गायों के लिए 100 प्रतिशत व भैंसों के लिए 50 से 60 प्रतिशत तक इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।

दलाल ने बताया कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में दो दशकों में अढाई गुणा तक बढोतरी हुई है। प्रतिव्यक्ति दूध की उपलब्धता जो वर्ष 2016-17 में 930 ग्राम प्रतिव्यक्ति थी, वो अब 1344 ग्राम  प्रतिव्यक्ति तक बढ़ गई है। कृषि मंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से प्रदेश में मछली एवं पशुपालन के लिए अन्य विकास योजनाओं को क्रियांवित करने की मांग रखी जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने उचित आश्वासन दिया।

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