Edited By vinod kumar, Updated: 31 Jul, 2021 06:04 PM
जमाया है सर्द रातों में खुद को-तपती धूप में खुद को तपाया है। वही हुए हैं कामयाब जिंदगी में-उन्होंने ही इतिहास रचाया है। यह लाइनें हरियाणा की बेटी जिया गाबा पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। क्योंकि उन्होंने जो कर दिखाया है वह लाजवाब है। वह ना मुमकिन तो...
चंडीगढ़ (धरणी): जमाया है सर्द रातों में खुद को-तपती धूप में खुद को तपाया है। वही हुए हैं कामयाब जिंदगी में-उन्होंने ही इतिहास रचाया है। यह लाइनें हरियाणा की बेटी जिया गाबा पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। क्योंकि उन्होंने जो कर दिखाया है वह लाजवाब है। वह ना मुमकिन तो नहीं, लेकिन मुश्किल बहुत है। हाल ही में सीबीएसई बारहवीं कक्षा का रिजल्ट घोषित हुआ है। जिसमें जिया ने 12वीं कक्षा नॉन मेडिकल विषय से 96.2 फ़ीसदी अंक लेकर न केवल अपने माता-पिता बल्कि प्रदेश का भी गौरव बढ़ा दिया है। जिया गाबा के पिता जोगिंद्र गाबा हरियाणा डीआईपीआर चंडीगढ़ में एक मेहनती ईमानदार और कर्मठ कर्मचारी हैं। अपनी ड्यूटी को बेहतरी और कर्तव्य निष्ठा के साथ करना उनका शौक है। इन्हीं के कर कलमों पर चलते हुए उनकी बेटी ने यह स्थान पाया है।
पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान जिया गाबा ने बताया कि उन्हें हमेशा उनके पिता के संस्कार और काम के प्रति उनकी लगन प्रभावित करती रही है। पिता हमेशा अपने काम को पूर्णत ईमानदारी से करते आए हैं और हमेशा उन्होंने मुझे भी इमानदारी से पढ़ने और आगे बढ़ने की सलाह दी। पिता ही मेरे रोल मॉडल हैं और उन्हीं से ही मैंने सब कुछ सीखा है। जिया ने बताया कि उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी हैं और उसके बावजूद हमेशा समाज की सेवा उनके लिए सर्वोपरि रहा है।
उन्हें देख-देख कर हमेशा प्रभावित होती रही हूं और आज इस मुकाम तक पहुंचना ही मेरा लक्ष्य नहीं है। इससे कुछ बहुत ज्यादा करके समाज की बेटियों को जहां आगे बढ़ने की प्रेरणा देना मेरा लक्ष्य है। वहीं साथ ही समाज को भी एक संदेश देना चाहती हूं कि बेटियां बोझ नहीं है। बेटियां बेटों से कम नहीं है। बेटियों को उतना ही प्यार और उतना ही विश्वास करें जितना बेटों पर करते हैं। जिया गाबा ने कहा कि जरुरी नहीं रोशनी चिरागों से ही हो-बेटियां भी घर को बेहतर रोशन कर सकती हैं।
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