Edited By Deepak Kumar, Updated: 31 Jul, 2025 04:58 PM

जिला कारागार में बंद हत्या के आरोपी द्वारा जिला अदालत के अधिवक्ता विनोद बंसल को परिवार सहित जान से मारने की धमकी दी है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जींद (अमनदीप पिलानिया) : जिला कारागार में बंद हत्या के आरोपी द्वारा जिला अदालत के अधिवक्ता विनोद बंसल को परिवार सहित जान से मारने की धमकी मिलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने अधिवक्ता की शिकायत पर आरोपी प्रदीप उर्फ गट्टा और उसके भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
धमकी भरे फोन कॉल
अधिवक्ता विनोद बंसल ने सिविल लाइन थाना पुलिस को शिकायत दी कि 30 जुलाई 2025 की सुबह 9:55 बजे उन्हें अपने चैंबर में एक फोन कॉल आया। कॉलर का नाम ट्रूकॉलर ऐप पर प्रदीप दिखा। कॉल अटेंड करने पर उसने अपशब्दों का प्रयोग करते हुए धमकी दी, "10 दिनों में तुझे और तेरे परिवार को तेरे भाई की तरह गोली मारकर खत्म कर देंगे।"
इसके बाद 11:22 बजे उसी नंबर से फिर कॉल आई, जिसमें कॉलर ने खुद को प्रदीप उर्फ गट्टा बताया और विनोद के भाई की हत्या में अपने और बलजीत पोकरी खेड़ी के शामिल होने की बात कही। दोपहर 1:10 बजे एक अन्य कॉल में उसने खुद को प्रदीप का भाई बताते हुए पुनः जानलेवा धमकी दी।
पुरानी रंजिश और खौफनाक इतिहास
विनोद बंसल ने बताया कि 16 अप्रैल 2016 को गैंग के सदस्यों बलजीत पोकरी खेड़ी और धर्मेंद्र पहलवान ने उनके बड़े भाई पुरुषोत्तम की किराए के शूटरों से हत्या करवा दी थी। इस मामले में बलजीत, धर्मेंद्र और उनके शूटरों को सजा हो चुकी है। इसके बाद 23 नवंबर 2021 को उसी गैंग ने उनके दूसरे भाई श्याम सुंदर को 9 गोलियां मारकर हत्या कर दी। यह मामला थाना शहर जींद में दर्ज है, जिसमें प्रदीप उर्फ गट्टा आरोपी है और वर्तमान में जेल में बंद है।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
विनोद ने पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को भी नाकाफी बताया। उन्हें 5 पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं, लेकिन अधिकतर समय गनमैन मोबाइल में व्यस्त रहते हैं या ड्यूटी पर नहीं होते। उन्होंने कहा कि डर और धमकियों की वजह से कोई भी इस गैंग के खिलाफ गवाही देने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। कई गवाह कोर्ट में अपने बयान से मुकर जाते हैं। विनोद ने कहा कि उन्होंने हिम्मत दिखाई, लेकिन इसके चलते अपने दो भाइयों को खो दिया। वे फिर भी इस गैंग को सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जबकि गैंग धमकाकर उन्हें केस से हटाने की कोशिश कर रहा है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में प्रदीप उर्फ गट्टा और उसके भाई के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 232 (कोर्ट के आदेश का उल्लंघन), 296 (धमकी देकर भयभीत करना) और 351(3) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है और सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
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