Edited By Manisha rana, Updated: 08 Nov, 2020 01:13 PM
कालवा गांव में रजबाहा नंबर-3 टूटने से किसानों की सैकड़ों एकड़ में खड़ी धान की फसल जलमग्न हो गई। इसमें अधिकतर किसानों की हाथ से कटाई की गई धान की फसल पानी में डूबी...
पिल्लूखेड़ा : कालवा गांव में रजबाहा नंबर-3 टूटने से किसानों की सैकड़ों एकड़ में खड़ी धान की फसल जलमग्न हो गई। इसमें अधिकतर किसानों की हाथ से कटाई की गई धान की फसल पानी में डूबी है। कालवा-खरक गागर गांव के साथ लगते रजबाहा की टूटने की सूचना के बाद सिंचाई विभाग ने रजबाहे को जे.सी.बी. मशीन की सहायता से बंद करवाया। गांव के किसानों में राममेहर उर्फ रामा, प्रवेश, महेंद्र, लीलू, जयभगवान कालू, बिजेंद्र, रविंद्र, निहालू, सुल्तान सहित दर्जनों किसानों की धान पानी में डूब गई।
किसानों का कहना था कि शनिवार को सुबह जब अपने-अपने खेतों में पहुंचे तो उनके खेत जलमग्न हो चुके थे और उनकी कटी हुई धान पानी में डूब चुकी थी। किसानों का कहना था कि अब पानी में डूबने से धान तो खराब हो चुकी है दूसरे गेहूं की बिजाई भी समय पर नहीं हो सकेगी। किसानों ने सरकार से धान की फसल डूबने के चलते मुआवजे की मांग की है। विभाग के अधिकारियों ने कई घंटे की मेहनत के द्वारा रजबाहा को जे.सी.बी. मशीन के द्वारा बंद कर दिया। रजवाहे के टूटने के कारणों का पता नहीं चल पाया।