भाजपा राज में पूरा प्रदेश हुआ बेरोजगार, विपक्ष की क्या बिसात- हुड्डा

Edited By vinod kumar, Updated: 13 Feb, 2020 10:42 AM

hooda said entire state becomes unemployed in bjp rule

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बयान पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा राज में पूरा प्रदेश बेरोजगार हो गया है तो विपक्ष की बिसात ही क्या है। भाजपा ने युवाओं को बेरोजगार करने के अलावा किया भी क्या है? खुद सरकारी आंकड़े...

चंडीगढ़(बंसल): मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बयान पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा राज में पूरा प्रदेश बेरोजगार हो गया है तो विपक्ष की बिसात ही क्या है। भाजपा ने युवाओं को बेरोजगार करने के अलावा किया भी क्या है? खुद सरकारी आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में रिकॉर्ड बेरोजगारी है। कांग्रेस राज में बेरोजगारी दर 2.8 फीसदी थी जो 10 गुणा बढ़कर अब 28 फीसदी हो गई है। भाजपा सरकार में प्रदेश और खासकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था बर्बाद हो चुकी है। दरअसल, मुुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्हाेंने विपक्ष को बेरोजगार कहकर ताना मारा था।

अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने आरोप लगाया कि गठबंधन सरकार ‘लुक बिजी, डू नथिंग’ की नीति पर काम कर रही है। सरकार चुनावी वायदों को पूरा करने की बजाए कोरी भाषणबाजी कर रही है। जनता को भाषण की नहीं, शासन की जरूरत है। सरकार बुनियादी मुद्दों पर काम करने की बजाए,भाषणबाजी को ही उपलब्धि के तौर पर पेश कर रही है।

काम के नाम पर सुस्ती और घोटालों के नाम पर बुलेट ट्रेन
हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार में काम के नाम पर सुस्ती और घोटालों के नाम पर बुलेट ट्रेन की स्पीड से काम हो रहा है। कमाल की बात ये है कि बार-बार मांग के बावजूद किसी घोटाले की जांच तक नहीं हो रही है। धान घोटाला ही नहीं माइङ्क्षनग घोटाले में भी जांच को टाला जा रहा है। 

कैग रिपोर्ट में भी 1476 करोड़ की धांधली का जिक्र है लेकिन सरकार विपक्ष के सवालों और जांच दोनों से बच रही है। उन्होंने कहा कि ए.सी.एस. स्तर की जांच में साफ हो गया है कि धान खरीद में 90 करोड़ का घोटाला हुआ है। आर.टी.आई. से पता चला है कि घोटाला सैंकड़ों-हजारों करोड़ का है। सरकार कार्रवाई की बजाए लीपापोती में लगी है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अब तक तमाम मामलों की जांच मेरी ही लिखित शिकायत पर हुई है? किसी भी धांधली की जांच करवाना सरकार की जिम्मेदारी होती है। धान घोटाले की जांच न करवाकर आखिर सरकार किसको बचाना चाहती है?

कर्ज पर श्वेत पत्र जारी करे सरकार
उन्होंने कहा कि सरकार ने चार्वाक की नीति ‘सुखं जीवेत,ऋणं कृत्वा घृतं पिबेत’ यानी जब तक जीवन है सुख से जियो,कर्ज लो और घी पीयो’ का अनुसरण करते हुए प्रदेश को कर्ज में डुबो दिया है। भाजपा सरकार ने अब तक कोई बड़ी परियोजना,उद्योग या संस्थान स्थापित नहीं किया,फिर भी कर्ज लेने के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। आलम यह है कि हर बच्चा 72 हजार का कर्ज सिर पर लेकर पैदा होता है। 

उन्होंने सरकार से कर्ज पर श्वेतपत्र जारी करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार गांवों में ठेके बंद करने की नीति बनाने का नाटक कर रही है,जो नीति पहले से मौजूद थी, उसे नए तरीके से पेश किया जा रहा है। जबकि जरूरत ये भी है कि उस नीति की तर्ज पर शहरों में वार्ड सभा के कहने पर ठेके बंद किए जाएं। सरकार विधायकों को 5 करोड़ फंड देना अपनी उपलब्धि बताती है लेकिन राशि के लिए गाइडलाइंस जारी नहीं की गई। बिना गाइडलाइंस खर्च नहीं किया जा सकता। इससे साफ है कि सरकार न खुद काम करना चाहती है और न विधायकों को निजी स्तर पर करने देना चाहती है।

हुड्डा ने बजट परिचर्चा को दिखावा मात्र बताया है। उन्होंने कहा कि बजट तो पहले ही तैयार हो चुका है। फिर भी सरकार परिचर्चा का न्यौता दे रही है तो जिम्मेदार विपक्ष के होने नाते हिस्सा लेंगे। आने वाले बजट सत्र पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास सदन में उठाने के लिए कई मुद्दे हैं जो सीधे जन सरोकार और गठबंधन सरकार के वायदों से जुड़े हैं।

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