Edited By Nitish Jamwal, Updated: 24 Jul, 2024 01:42 PM
शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची। वहीं मामले को लेकर आज (बुधवार) को सुनवाई हुई। SC ने आदेश में कहा की एक स्वतंत्र कमेटी बनाई जाए।
दिल्ली (कमल कंसल): शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची। वहीं मामले को लेकर आज (बुधवार) को सुनवाई हुई। SC ने आदेश में कहा की एक स्वतंत्र कमेटी बनाई जाए। जिसमें राज्य सरकार के लोग और कृषि एक्सपर्ट हो, जो हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से बात कर सकते हैं। साथ ही कहा कि पंजाब और हरियाणा कोर्ट को नाम सुझाए जाएं, जो इस कमेटी के सदस्य हो सकते है।
एक हफ्ते बाद फिर होगी सुनवाई
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते में दोनों सरकारों से नाम मांगे है। सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर पर फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखने को कहा है। वहीं SC ने कहा की एक हफ्ते के बाद मामले की सुनवाई होगी। तो वहीं पंजाब सरकार ने कहा की हरियाणा सरकार बॉर्डर को खोलने पर विचार करें, ताकि लोगों के असुविधा न हो।

इससे पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को एक सप्ताह में बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, जिसकी मियाद 17 जुलाई बुधवार को खत्म हो रही थी, उससे पहले हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाना उचित समझा, क्योंकि किसानों ने ऐलान कर दिया है कि बॉर्डर खुलते ही वह दिल्ली कूच कर जाएंगे, जबकि हरियाणा सरकार किसी भी सूरत में नहीं चाहती कि ये किसान दिल्ली जाएं। अगर किसान दिल्ली पहुंच गए तो हरियाणा बीजेपी के नेता अपने नेतृत्व को क्या जवाब देंगे। हरियाणा में बीजेपी की ही सरकार है। ऐसे में ऐसी उम्मीद थी कि राज्य सरकार हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।

KISAN ANDOLAN में अब तक क्या कुछ हुआ
13 फरवरी
पंजाब के किसानों ने फसलों की MSP को लेकर संघर्ष शुरू
हरियाणा सरकार ने शंभू और खनौरी बॉर्डर को लगाए बेरिकेड्स
किसान को दिल्ली की तरफ जाने से रोका
21 फरवरी
किसानों ने की दिल्ली जाने की कोशिश
सुरक्षाकर्मियों और किसानों के बीच हुआ टकराव
बठिंडा के युवा किसान शुभकरण की गोली लगने से मौत
क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं हुई बंद
किसानों ने अनिल विज पर फायरिंग करवाने के लगाए आरोप
मामले में विज पर केस दर्ज की उठाई मांग
किसानों ने शुभकरण का संस्कार रोका
10 मार्च
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा शुभकरण मामला
हाईकोर्ट ने इस मामले में गठित की जांच कमेटी
6 सप्ताह में इस संबंध में जवाब किया तलब
16 मार्च
लोकसभा चुनावों में लगी आचार संहिता
किसानों ने लगाया पक्का मोर्चा
भाजपा उम्मीदवारों के विरोध का लिया फैसला
1 अप्रैल
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा शुभकरण की मौत का मामला
SC ने मामले की जांच के आदेश पर रोक लगाने से किया मना
6 मई
मामले में गठित SIT ने चंडीगढ़ पहुंचकर दर्ज किए बयान
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी दर्ज करवाए बयान
इस बीच रेलवे लाइन पर डटे थे किसान
20 मई
रेलवे लाइन से हटे किसान
7 जुलाई
किसानों ने भाजपा को छोड़ सभी पार्टियों के नेताओं को सौंपे ज्ञापन
मानसून सत्र में फसलों पर प्राइवेट बिल लाने की उठाई मांग
9 जुलाई
किसान शुभकरण की बहन को सरकार ने दिया पुलिस में नौकरी और परिवार को एक करोड़ का चेक
10 जुलाई
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई
हरियाणा सरकार को HC ने एक सप्ताह में शंभू बॉर्डर खोलने के दिए आदेश
16 जुलाई
किसानों ने चंडीगढ़ में की मीटिंग
बॉर्डर खुलने पर दिल्ली कूच का किसानों ने लिया फैसला
इसी दिन हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का किया रुख, बॉर्डर खोलने से किया मना
22 जुलाई
सुप्रीम कोर्ट में मामले की हुई सुनवाई
सरकार ने अपना पक्ष रखने के लिए मांगा समय
13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान

बता दें कि एमएसपी की लीगल गारंटी सहित 12 मांगों को लेकर 13 फरवरी को पंजाब के किसान दिल्ली के लिए निकले थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने पटियाला और अंबाला के बीच शंभू बॉर्डर पर उनका रास्ता बंद कर दिया। तब से किसान पंजाब की सीमा में शंभू बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। इससे दोनों सूबों के व्यापारियों को परेशानी हो रहा है। उनका व्यापार प्रभावित हो रहा है, इसलिए उन्होंने रास्ता खुलवाने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर अदालत ने हरियाणा सरकार को एक सप्ताह में बॉर्डर खोलने और रास्ता क्लीयर करने के आदेश दिए थे।

पांच महीने से अधिक वक्त से किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैठे हुए हैं, लेकिन हाईकोर्ट का आदेश शंभू बॉर्डर खोलने के लिए लिया आया था। आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा-अराजनैतिक और किसान मजदूर मोर्चा ने ऐलान कर दिया है कि जैसे ही हरियाणा सरकार रास्ता खोलेगी, वो लोग दिल्ली की तरफ कूच करेंगे।
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