Edited By Deepak Kumar, Updated: 22 Apr, 2025 02:16 PM

हरियाणा में राइट टू एजुकेशन के तहत प्रदेश के 3,124 प्राइवेट स्कूलों ने गरीब बच्चों के एडमिशन की प्रक्रिया शुरू नहीं की है। इसके आवेदन की आखिरी डेट 21 अप्रैल तक ही थी। इस पर शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने नाराजगी प्रकट की है। उन्होंने विभाग को ऐसे...
डेस्कः हरियाणा में गरीब बच्चों के लिए RTE के तहत एडमिशन नहीं देने पर प्राइवेट स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। दरअसल राइट टू एजुकेशन के तहत प्रदेश के 3,124 प्राइवेट स्कूलों ने गरीब बच्चों के एडमिशन की प्रक्रिया शुरू नहीं की है। इसके आवेदन की आखिरी डेट 21 अप्रैल तक ही थी। इस पर शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने नाराजगी प्रकट की है। उन्होंने विभाग को ऐसे स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
RTE के तहत एडमिशन की बढ़ी तारीख
साथ ही शिक्षा विभाग ने RTE के तहत एडमिशन के लिए आवेदन की तारीख को 4 दिन आगे बढ़ा दिया है। बता दें कि इससे पहले भी इस तारीख को बढ़ाया जा चुका है। अब बच्चे एडमिशन के लिए 25 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं। इससे पहले विभाग 2 बार एडमिशन की डेट बढ़ा चुका है। पहले 14 अप्रैल लास्ट थी, फिर विभाग ने इसे बढ़ाकर 21 अप्रैल कर दिया था।
प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए 25 फीसदी सीटें रिजर्व
हरियाणा में कुल 10,701 प्राइवेट स्कूल हैं, जिनमें से 3,134 स्कूलों ने सीटों का ब्योरा विभाग को नहीं दिया। सभी प्राइवेट स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए 25 फीसदी सीटें रिजर्व की गई हैं, जिसके तहत 6 से 14 साल के बच्चे एडमिशन ले सकते हैं। हालांकि बहुत से स्कूलों ने फ्री एडमिशन की प्रक्रिया शुरू नहीं की। साथ ही मंत्री महिपाल ढांडा उन स्कूलों की मान्यता रद्द करने का निर्देश दिए हैं, जिन्होंने RTE के तहत बच्चों के दाखिले नहीं लिए। बता दें कि इनमें से 8 फीसदी अनुसूचित जाति (SC), 4 फीसदी पिछड़ा वर्ग-ए और 2.5 फीसदी पिछड़ा वर्ग-बी के लिए सीटें रिजर्व करना जरूरी है।
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