Edited By Deepak Kumar, Updated: 23 Jun, 2025 02:16 PM

हरियाणा के जींद जिले के जुलाना क्षेत्र के गांव देवरड़ में मनरेगा योजना के तहत हो रही तालाब की खुदाई के दौरान एक के बाद एक कई मानव कंकाल बरामद हुए। खास बात यह रही कि इन कंकालों की लंबाई सामान्य से कहीं अधिक, लगभग 8 से 10 फीट, बताई जा रही है, जिससे...
डेस्कः हरियाणा के जींद जिले के जुलाना क्षेत्र में रविवार को उस समय सनसनी फैल गई, जब गांव देवरड़ में मनरेगा योजना के तहत हो रही तालाब की खुदाई के दौरान एक के बाद एक कई मानव कंकाल बरामद हुए। खास बात यह रही कि इन कंकालों की लंबाई सामान्य से कहीं अधिक, लगभग 8 से 10 फीट, बताई जा रही है, जिससे वहां मौजूद मजदूर और ग्रामीण हैरान रह गए।
मनरेगा के तहत खुदाई के दौरान हुआ रहस्यमयी खुलासा
जानकारी के अनुसार, तालाब की खुदाई का कार्य रोज़ाना की तरह चल रहा था। मजदूर मिट्टी निकालकर बाहर फेंक रहे थे, तभी एक मजदूर को मिट्टी के बीच एक विशाल हड्डी नजर आई। जब उसे ध्यान से देखा गया, तो यह इंसानी हड्डी निकली। इस पर तुरंत काम को रोका गया और ठेकेदार को सूचना दी गई। इसके बाद आगे की खुदाई में लगातार इंसानी कंकाल निकलते चले गए। देखते ही देखते मौके पर करीब 10 मानव कंकालों के अवशेष और कुछ पुराने मटके बरामद हुए, जो इस क्षेत्र के प्राचीन इतिहास और संभावित सभ्यता की ओर इशारा करते हैं।
कंकाल देख मजदूर रह गए दंग
मजदूरों का कहना है कि इन कंकालों की लंबाई किसी भी सामान्य इंसान से कहीं अधिक है। कुछ के जबड़े और हड्डियां भी असामान्य रूप से विशाल हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि यह कोई विशेष प्रजाति या प्राचीनकाल के मानव समूह के अवशेष हो सकते हैं।
पुलिस और प्रशासन मौके पर, विशेषज्ञों को बुलाने की तैयारी
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और क्षेत्र को सील कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि आगे की जांच के लिए पुरातत्व विभाग और अन्य विशेषज्ञों को बुलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह रहस्यमयी खोज अब स्थानीय curiosity और चर्चाओं का केंद्र बन गई है। लोग इस बात को जानने के लिए उत्सुक हैं कि क्या यह किसी प्राचीन सभ्यता के संकेत हैं, या कोई ऐतिहासिक रहस्य अब उजागर हो रहा है।
पुरातात्विक दृष्टिकोण से हो सकता है ऐतिहासिक महत्व
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह कंकाल वाकई किसी विशेष प्राचीन सभ्यता से जुड़े पाए जाते हैं, तो यह खोज हरियाणा ही नहीं, बल्कि भारत के पुरातात्विक इतिहास के लिए भी एक अहम अध्याय साबित हो सकती है।
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