Edited By Isha, Updated: 07 Mar, 2025 11:52 AM

हरियाणा सरकार ने गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने वाले हरियाणा गौवंश संरक्षण एवं गौसंवर्धन अधिनियम, 2015 के तहत अपराधों के मामलों को फास्ट-ट्रैक करने के लिए चार विशेष अदालतों को अधिसूचित किया है।
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने वाले हरियाणा गौवंश संरक्षण एवं गौसंवर्धन अधिनियम, 2015 के तहत अपराधों के मामलों को फास्ट-ट्रैक करने के लिए चार विशेष अदालतों को अधिसूचित किया है। सरकार द्वारा 4 मार्च को जारी अधिसूचना के अनुसार, नूंह, पलवल, अंबाला और हिसार में विशेष अदालतें राज्य के सभी जिलों को कवर करेंगी।
अधिसूचना के अनुसार, "हरियाणा के राज्यपाल, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की सहमति से, नूंह, पलवल, अंबाला और हिसार जिलों में नियमित अदालत चलाने वाले वरिष्ठतम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश और सिविल न्यायाधीश की अदालतों को निर्दिष्ट क्षेत्राधिकार के भीतर हरियाणा गौवंश संरक्षण एवं गौसंवर्धन अधिनियम, 2015 के तहत अपराधों की फास्ट ट्रैक सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के रूप में नामित करते हैं।"
नूंह की विशेष अदालत नूंह, रेवाड़ी, नारनौल, चरखी दादरी और भिवानी जिलों को कवर करेगी, जबकि पलवल अदालत पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, रोहतक, सोनीपत और पानीपत को कवर करेगी। तरह, अंबाला अदालत अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल को कवर करेगी, जबकि हिसार अदालत का अधिकार क्षेत्र हिसार, जींद, कैथल, फतेहाबाद और सिरसा होगा।
हरियाणा विधानसभा ने मार्च, 2015 में गायों के "संरक्षण और रखरखाव" के लिए विधेयक पारित किया. यह राज्य में गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है और पशु की हत्या के लिए तीन साल से 10 साल तक के कठोर कारावास का प्रावधान करता है।